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निजी स्कूल संचालकों को नि:शुल्क प्रवेश की राशि के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे जिला मुख्यालय के चक्कर

locationहनुमानगढ़Published: Nov 09, 2018 07:57:47 pm

Submitted by:

adrish khan

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निजी स्कूल संचालकों को नि:शुल्क प्रवेश की राशि के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे जिला मुख्यालय के चक्कर

निजी स्कूल संचालकों को नि:शुल्क प्रवेश की राशि के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे जिला मुख्यालय के चक्कर
– ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया के बाद अब ब्लॉक स्तर पर होगा कामकाज
– शिक्षा विभाग के ढांचे में बदलाव के चलते कार्य संपादन व जिम्मेदारी में भी हो रहा बदलाव
हनुमानगढ़. शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों के एवज में मिलने वाली पुनर्भरण राशि भुगतान की प्रक्रिया निरंतर पारदर्शी व आसान बनाई जा रही है। इस शिक्षा सत्र में जहां पहली बार नि:शुल्क प्रवेश तथा अन्य मापदंडों के भौतिक सत्यापन के लिए दलों की ड्यूटी ऑनलाइन लगाने की व्यवस्था शुरू की गई। यह कार्य सीधे निदेशालय स्तर से ही किया गया। जबकि पहले ऑफलाइन ही शिक्षकों की ड्यूटी सत्यापन कार्य के लिए लगती थी। इससे मनमर्जी से व मनचाहे लोगों की ड्यूटी लगाई जा सकती थी। प्रक्रिया पर उठते सवालों के दृष्टिगत इस सत्र से ऑनलाइन सत्यापन दलों के गठन व ड्यूटी लगाने का कार्य हुआ।

अब इस दिशा में एक कदम और बढ़ाया गया है। नए शिक्षा सत्र से 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों के एवज में पुनर्भरण राशि के भुगतान प्रक्रिया संबंधी कामकाज ब्लॉक स्तर पर ही निपटाने की तैयारी की जा रही है। क्योंकि शिक्षा विभाग के ढांचे में राज्य सरकार कुछ माह पहले बदलाव कर चुकी है। इसके तहत अब प्रत्येक ब्लॉक पर जिला शिक्षा अधिकारी स्तर का अधिकारी नियुक्त किया गया है। जबकि पहले ब्लॉक पर ब्लॉक स्तरीय अधिकारी ही होते थे। अब जिले में सभी सात ब्लॉक पर सात डीईओ लेवल के अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। ऐसे में आरटीई संबंधी कार्य भी ब्लॉक स्तर पर ही संपादन की रूपरेखा बनाई गई है।

होगा बड़ा लाभ
निजी शिक्षण संस्था संचालकों को आरटीई भुगतान आदि कार्यों के लिए अब तक जिला मुख्यालय आना पड़ता है। प्रारंभिक शिक्षा सेटअप के विद्यालयों के संचालकों को डीईओ प्रारंभिक तथा माध्यमिक सेटअप के विद्यालयों के संचालकों को डीईओ माध्यमिक कार्यालय जाना पड़ता है। मगर नई व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने के बाद ब्लॉक स्तर पर ही आरटीई के प्रवेश व भुगतान संबंधी कार्य सम्पन्न हो जाएंगे। इससे संस्था संचालकों का समय व पैसा दोनों बचेगा।

ब्लॉक पर कामकाज
आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश के एवज में मिलने वाली पुनर्भरण राशि के भुगतान संबंधी प्रक्रिया नए शिक्षा सत्र से ब्लॉक स्तर पर ही निपटाई जाएगी। इससे जुड़े अधिकांश कार्य ब्लॉक स्तर पर सम्पन्न हो सकेंगे। नए शिक्षा सत्र से अन्य भी कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। – हरलाल ढाका, – प्रभारी आरटीई प्रकोष्ठ।
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