scriptPromise to thousands of labor families, no intention of payment, avoid | हजारों श्रमिक परिवारों से वादा, भुगतान का नहीं इरादा, पढ़ाई-विदाई में सहयोग से काटे कन्नी | Patrika News

हजारों श्रमिक परिवारों से वादा, भुगतान का नहीं इरादा, पढ़ाई-विदाई में सहयोग से काटे कन्नी

locationहनुमानगढ़Published: Sep 19, 2023 11:40:27 am

Submitted by:

adrish khan

मजदूरों की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी शिक्षा व विवाह में आर्थिक सहयोग देने का वादा तो सरकार ने कर लिया। मगर सहयोग राशि भुगतान का कोई इरादा सरकार का नजर नहीं आता है।

हजारों श्रमिक परिवारों से वादा, भुगतान का नहीं इरादा, पढ़ाई-विदाई में सहयोग से काटे कन्नी
हजारों श्रमिक परिवारों से वादा, भुगतान का नहीं इरादा, पढ़ाई-विदाई में सहयोग से काटे कन्नी
हजारों श्रमिक परिवारों से वादा, भुगतान का नहीं इरादा, पढ़ाई-विदाई में सहयोग से काटे कन्नी
- श्रमिक परिवारों को नहीं मिल रही पांच बरस से शुभ शक्ति योजना की राशि
- नए आवेदन पर भी ब्रेक, श्रमिक परिवार काट रहे सरकारी दफ्तर के चक्कर
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. मजदूरों की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी शिक्षा व विवाह में आर्थिक सहयोग देने का वादा तो सरकार ने कर लिया। मगर सहयोग राशि भुगतान का कोई इरादा सरकार का नजर नहीं आता है। चुनावी साल में नई-नई योजनाएं बनाकर जनता को राहत बांटने के सरकारी दावों की पोल सहायता राशि के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते श्रमिक परिवार खोलते हैं।
हालात यह हैं कि करीब पांच साल से श्रमिक परिवारों को शुभ शक्ति योजना में एक पैसे का भुगतान नहीं किया गया है। शुभ शक्ति को सरकार ने इतना अशुभ बना दिया है कि अब नए आवेदन लेने से भी परहेज किया जाने लगा है। जिले से लेकर प्रदेश भर यह हालात हैं। लाखों की तादाद में श्रमिक परिवार सरकार की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं कि शायद चुनावी साल में ही सही उनको हमारी याद आ जाए और राशि का भुगतान कर दे।
जिले में कितने कतार में
जिले में शुभ शक्ति योजना के तहत करीब साढ़े तीन हजार श्रमिक परिवारों ने आवेदन कर रखा है। यह आवेदन वर्ष 2018 तक के हैं। अब तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। खास बात यह कि राशि का भुगतान नहीं होने से वर्ष 2019-20 के बाद तो इस योजना में आवेदन लेने ही बंद कर दिए हैं।
इसलिए इंतजार
शुभ शक्ति योजना के तहत श्रमिकों की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने, शिक्षा, व्यवसाय एवं विवाह के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इसमें बेटी की आयु 18 वर्ष होने के बाद 55 हजार रुपए की राशि दी जाती है। यह राशि सीधे खाते में ट्रांसफर की जाती है। राजस्थान में निवास कर रही अविवाहित लड़कियों और महिलाओं को यह राशि देय है।
दो साल में तोड़ा दम
प्रदेश में राजस्थान शुभ शक्ति योजना एक जनवरी 2016 से प्रारंभ हुई। वर्ष 2018 आते-आते यह दम तोड़ गई। योजना की लाभार्थी महिला न्यूनतम आठवीं पास होनी जरूरी है। अविवाहित महिलाओं को 55000 रुपए की सहायता दी जाती है। इस योजना का लाभ श्रमिक की अधिकतम दो पुत्रियों अथवा महिला एवं उसकी एक पुत्री को दिया जाता है। लडक़ी के माता-पिता दोनों या उनमें से कोई एक भी एक वर्ष से मंडल में पंजीकृत श्रमिक होना चाहिए।
मुख्यालय स्तर से ही निर्णय
जिले में जो आवेदन लिए गए थे, उनको स्थानीय स्तर पर तमाम कागजी प्रक्रिया कर मुख्यालय भिजवा चुके हैं। अब भुगतान पर निर्णय मुख्यालय स्तर से ही होगा। - अमरचंद लहरी, कार्यवाहक श्रम कल्याण अधिकारी, हनुमानगढ़।
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