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भाखड़ा परियोजना में अतिरिक्त नक्का स्वीकृत करने का प्र्रस्ताव, मंजूरी का इंतजार

locationहनुमानगढ़Published: Aug 09, 2019 10:46:52 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. जल संसाधन विभाग में खाळे और नक्कों को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहे हैं। इससे ग्रामीणों के आपसी रिश्तों में खटास आने के साथ ही कई बार मामला पुलिस थानों तक पहुंच जाता है। इस झगड़ा-फसाद को रोकने के लिए अब भाखड़ा खंड प्रथम के एक्सईएन रामाकिशन ने पहल करते हुए एक प्रस्ताव बनाकर विभाग के अधीक्षण अभियंता को भिजवाया है। इस कार्य को जल्द अमली जामा पहनाया जा सके, इसके लिए उन्होंने नक्कों का नया नक्शा प्लान भी तैयार किया है।
 

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भाखड़ा परियोजना में अतिरिक्त नक्का स्वीकृत करने का प्र्रस्ताव, मंजूरी का इंतजार

भाखड़ा परियोजना में अतिरिक्त नक्का स्वीकृत करने का प्र्रस्ताव, मंजूरी का इंतजार
-एक्सईएन रामाकिशन ने नए सिरे से नक्के और आड का नक्शा किया तैयार
हनुमानगढ़. जल संसाधन विभाग में खाळे और नक्कों को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहे हैं। इससे ग्रामीणों के आपसी रिश्तों में खटास आने के साथ ही कई बार मामला पुलिस थानों तक पहुंच जाता है। इस झगड़ा-फसाद को रोकने के लिए अब भाखड़ा खंड प्रथम के एक्सईएन रामाकिशन ने पहल करते हुए एक प्रस्ताव बनाकर विभाग के अधीक्षण अभियंता को भिजवाया है। इस कार्य को जल्द अमली जामा पहनाया जा सके, इसके लिए उन्होंने नक्कों का नया नक्शा प्लान भी तैयार किया है। मुख्य अभियंता स्तर पर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद नक्के संबंधी विवाद काफी हद तक खत्म होने की उम्मीद है। प्रस्ताव के अनुसार सिंचित क्षेत्र विकास के द्वारा पक्के खाले के निर्माण में प्रत्येक मुरब्बे के लिए स्टोन प्वाइंट पर एक नक्का दिए जाने का प्रावधान है। इसके तहत विभागीय निर्देश २३ मई १९९६ के तहत आड नक्शा स्वीकृत किया गया है। इस आड के नक्शे के अनुसार किला नंबर एक, पांच, २१ व 25 में सिंचाई के लिए आड की लम्बाई आठ बीघा तक हो जाती है। इस समस्त मुरब्बे में प्रत्येक बीघा क्षेत्र को सिंचित करने के लिए आड की कुल लंबाई १३ बीघा तक पहुंच जाती है। प्रस्ताव में बताया गया है कि भाखड़ा खंड प्रथम के क्षेत्राधिकार में सिंचाई परियोजना के तहत जितने किसान जुड़े हुए हैं, उनके पास औसतन छह बीघा भूमि है।
इसके कारण किसानों के बीच आए दिन विवाद की स्थिति बन जाती है। झगड़े के कई मामले तो न्यायालय तक पहुंच गए हैं। न्यायालय में ऐसे विवाद लंबे समय तक चलते हैं। अभियंता का दावा है कि ऐसे विवादों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विवाद के बीच कई किसानों की ओर से सुविधा के अनुसार अतिरिक्त व अवैध नक्के निर्मित करने पर भी विवाद की स्थिति बन रही है। अवैध नक्के निर्मित करने के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। प्रस्ताव में अधिशाषी अभियंता ने उल्लेख किया है कि आड व नक्कों के विवाद से संबंधित ऐसे मामलों को निपटाने में जल संसाधन विभाग के अफसरों व कार्मिकों का अधिकांश समय खर्च हो जाता है। इस स्थिति में विभाग से जुड़े अन्य कार्य समय पर नहीं हो पाते हैं। इस स्थिति मेें नक्के संबंधी विवाद के मामलों को रोकने के लिए जरूरी है कि विभाग की ओर से नक्कों को लेकर तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार प्रत्येक मुरब्बे के अलावा एक अतिरिक्त नक्का व आड का नक्शा स्वीकृत करने की मंजूरी दी जाए।
उत्पादन में बढ़ोतरी के आसार
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पहले भाखड़ा क्षेत्र में औसतन हर किसान के पास २५ बीघा जमीन थी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। अब औसतन छह बीघा जमीन ही बची है। इस स्थिति में नक्के स्वीकृत करने को लेकर विवाद बढ़ते जा रहे हैं। एक्सईएन ने जो प्रस्ताव बनाया है, उसमें नक्कों का नया नक्शा तैयार करके प्रत्येक मुरब्बे के लिए स्टोन प्वाइंट के अलावा तीसरे किले पर अतिरिक्त नक्के का प्रावधान किया जाकर संशोधित आड का नक्शा स्वीकृत कर करने का जिक्र किया गया है। विभाग की ओर से तैयार किए गए संशोधित प्लान के तहत प्रत्येक मुरब्बे के अंतिम छोर के बीघों के लिए आड की लम्बाई पांच बीघा निर्धारित करने का सुझाव दिया गया है। इस तरह तीन बीघा की सीधे बचत होगी। ऐसा करने से किसानों के बीच विवाद थमने के साथ ही बेहतर सिंचाई सुविधा मिलने की उम्मीद है। इससे उत्पादन में भी बढ़ोतरी के आसार हैं।
डेढ़ लाख किसान जुड़े हैं
भाखड़ा परियोजना से करीब डेढ़ लाख किसान जुड़े हुए हैं। इसमें अकेले भाखड़ा खंड प्रथम क्षेत्र से ७५ से ८० हजार के करीब किसान जुड़े हुए हैं। इनसे करोड़ों का आबयाना जल संसाधन विभाग को प्राप्त होता है। इस स्थिति में नक्कों की स्वीकृति को लेकर तैयार किया गया प्लान लागू होता है तो क्षेत्र के इन किसानों को काफी लाभ मिलेगा। अभी एक स्वीकृत नक्के के अलावा दूसरा नक्का स्वीकृत करने से पहले संबंधित क्षेत्र के किसानों का पक्ष जाना जाता है। इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लग जाता है। दूसरे नक्के का प्रावधान स्वत: लागू करने पर मांग के अनुसार किसान नक्शे के अनुसार नक्का स्वीकृत करवा सकेंगे। भाखड़ा खंड प्रथम हनुमानगढ़ के एक्सईएन रामाकिशन ने बताया कि मुख्य अभियंता स्तर पर यदि नक्कों का नया प्लान लागू हो जाता है तो निश्चित तौर पर किसानों के बीच विवाद के मामले कम होंगे। साथ ही किसान चिंता और तनाव मुक्त होकर सिंचाई सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
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