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राजस्थान के अभियंता बोले, पीने के लिए इतना पानी नाकाफी

locationहनुमानगढ़Published: Oct 23, 2019 11:41:04 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. इंदिरागांधी मुख्य नहर और सरहिंद फीडर की रीलाइनिंग करवाने के प्रोजेक्ट को गति देने के लिए केंद्रीय जल आयोग की टीम दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंची। इस दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यालय में हुई समन्वय बैठक में पंजाब भाग में सरहिंद फीडर की चल रही रीलाइनिंग कार्य की समीक्षा की गई।
 

राजस्थान के अभियंता बोले, पीने के लिए इतना पानी नाकाफी

राजस्थान के अभियंता बोले, पीने के लिए इतना पानी नाकाफी

हनुमानगढ़. इंदिरागांधी मुख्य नहर और सरहिंद फीडर की रीलाइनिंग करवाने के प्रोजेक्ट को गति देने के लिए केंद्रीय जल आयोग की टीम दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंची। इस दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यालय में हुई समन्वय बैठक में पंजाब भाग में सरहिंद फीडर की चल रही रीलाइनिंग कार्य की समीक्षा की गई। इसमें पंजाब के अधिकारियों ने अपना प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि अप्रेल की बंदी में ३५ किलोमीटर की रीलाइनिंग का काम पूरा कर लेंगे। इसके तहत नवम्बर में भी बंदी लेकर कुछ काम होने हैं। जबकि इंदिरागांधी मुख्य नहर की रीलाइनिंग पंजाब भाग में ३० किलोमीटर की करनी है। इसकी सभी तरह की तैयारी तय समय में पूरी करने की बात पंजाब के अधिकारियों ने कही। बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद कुमार मित्तल ने बताया कि इस बार मार्च-अप्रैल में ली जाने वाली ७० दिन की बंदी में पंजाब और राजस्थान भाग में एक साथ मरम्मत के कार्य होने हैं। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। राजस्थान के मुख्य अभियंता मित्तल ने कहा कि वर्ष २००९-१० में रीलाइनिंग का प्रोजेक्ट बना था। उस समय पंजाब और राजस्थान के अधिकारियों की बैठक में संयुक्त रूप से बंदी अवधि में २६०० क्यूसेक पानी पेयजल के लिए देने पर सहमति बनी थी। जबकि दस वर्ष बाद अब पेयजल की जरूरत में काफी बढ़ोतरी हो गई है। इस स्थिति में २६०० क्यूसेक पानी भी पेयजल के लिए काफी कम लगता है। मगर विडम्बना है कि अब पंजाब के अधिकारी सरहिंद फीडर के माध्यम से अधिकतम २००० क्यूसेक पानी ही देने की बात कह रहे हैं। ऐसा होने पर राजस्थान में पेजयल संकट की स्थिति बन जाएगी। मित्तल ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों से कहा कि पेयजल आवश्यक जरूरतों में शामिल है। २६०० क्यूसेक पानी पर्याप्त नहीं है। इसलिए पेयजल की मात्रा में पंजाब बढ़ोतरी करे। सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने राजस्थान की जरूरतों का ख्याल रखकर ही बंदी लेने की बात का समर्थन किया। राजस्थान के मुख्य अभियंता मित्तल ने बताया कि पूर्व में हुई बैठक में पंजाब ने सरहिंद फीडर की क्षमता बढ़ाने के लिए जितने बजट की मांग की थी, उसे जनवरी में ही राजस्थान ने स्वीकृत कर दिया था। बावजूद पंजाब अब तय शेयर के अनुसार पानी देने से मना कर रहा है। इस स्थिति में बंदी अवधि में राजस्थान में पेयजलापूर्ति सुचारू रखना मुश्किल होगा। पंजाब और राजस्थान के अधिकारियों के साथ केंद्रीय जल आयोग के सदस्य एसके हल्दर बुधवार को सरहिंद फीडर पर चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण करने भी जाएंगे।
मरुधरा के लिए जीवनदायिनी
इंदिरागांधी नहर प्रदेश के दस जिलों के लिए जीवनदायिनी मानी जाती है। इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़ के अलावा श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, झुंझुंनू, सीकर आदि जिलों को जलापूर्ति होती है। इस नहर से करोड़ों लोगों की प्यास बुझती है। इसलिए पेयजल के लिए कम से कम ३००० क्यूसेक पानी की जरूरत है। मगर पंजाब के अधिकारी अधिकतम २००० क्यूसेक पानी ही बंदी अवधि में राजस्थान को देने के लिए तैयार हो रहे हैं।
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