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Rajasthan News : फसलों को पाले से कैसे बचाएं किसान, कृषि विभाग की एडवाइजरी जारी

Agriculture Department Advice : मौसम लगातार पलटी मार रहा है। सर्दी के साथ इस समय पाला पड़ने की आशंका है। फसलों को पाले से कैसे बचाएं किसान। कृषि विभाग की एडवाइजरी जारी।

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Rajasthan How Can Farmers Protect Crops from Frost Agriculture Department issues Advisory

Agriculture Department Advice : हनुमानगढ़ में इस समय पाला पड़ने की आशंका है। ऐसे वक्त में किसानों के लिए रबी फसल का सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती रहेगी। इस समय जिले में करीब छह लाख हेक्टैयर में रबी फसलें लगी हुई है। इनको सुरक्षित बनाए रखने के लिए विभाग स्तर पर कुछ एडवाइजरी जारी की गई है। शीतलहर एवं पाले से सर्दी के मौसम में सभी फसलों को नुकसान होता है। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां एवं फूल झुलस कर झड़ जाते हैं तथा अधपके फल सिकुड़ जाते हैं। फलियां एवं बालियों में दाने नहीं बनते हैं व बन रहे दाने सिकुड़ जाते हैं। किसानों को शीतलहर एवं पाले से फसल की सुरक्षा करनी चाहिए। पाला पड़ने की अनुकूल परिस्थितियां दिन में ठंड होना, आकाश साफ होना, हवा की गति धीमी तथा वायु में नमी कम होना है।

भूमि के ताप को कम न होने दें

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार पौधशालाओं के पौधों एवं सीमित क्षेत्र वाले उद्यानों/ नकदी सब्जी वाली फसलों में भूमि के ताप को कम न होने देने के लिए फसलों को टाट, पॉलिथीन अथवा भूसे से ढक दें। वायुरोधी टाटिया, हवा आने वाली दिशा की तरफ यानी उत्तर पश्चिम की तरफ बांधे। नर्सरी, किचन गार्डन एवं कीमती फसल वाले खेतों में उत्तर पश्चिम की तरफ टाटिया बांधकर क्यारियों के किनारे पर लगाएं तथा दिन में पुन: हटाएं।

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फसलों में हल्की सिंचाई करें किसान

जब पाला पड़ने की संभावना हो तब फसलों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए जिन किसान भाइयों के पास फव्वारा की सुविधा हो वे फव्वारा/ड्रिप चलाएं। नमीयुक्त जमीन में काफी समय तक गर्मी रहती है तथा भूमि का तापक्रम एकदम कम नहीं होता है। इससे तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाए जा सकता है।

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दो सप्ताह तक रहता है छिड़काव का असर

उद्यान विभाग हनुमानगढ़ के उप निदेशक डॉ. रमेशचंद्र बराला के अनुसार जिन दिनों पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों फसलों पर घुलनशील गंधक का 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है।

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पाले से बचाव करेंगे शहतूत, शीशम, बबूल, खेजड़ी के पेड़

डॉ. रमेशचंद्र बराला ने बताया कि यदि इस अवधि के बाद भी शीतलहर व पाले की संभावना बनी रहे तो छिड़काव को 15-15 दिन के अंतर से दोहराते रहें। दीर्घकालिक उपाय के रूप में फसलों को बचाने के लिए खेत की उत्तरी पश्चिमी मेड़ों पर तथा बीच-बीच में उचित स्थानों पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे शहतूत, शीशम, बबूल, खेजड़ी आदि लगा दिए जाएं तो पाले से बचाव हो सकता है।

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