41 फुट ऊंचे बजरंग बली की प्रतिमा- दरअसल, सात साल पहले तक इस वीरान कल्याण भूमि में अकेला व्यक्ति दिन में भी जाने से कतराता था, पर अब देर रात तक लोगों की आवाजाही रहती है। यहां भगवान शिव के मंदिर, योग माता, यमराज, भैरों की मूर्तियों पर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु आते रहते हैं। तो वहीं यहां शमशान घाट में 41 फुट ऊंचे बजरंग बली और ध्यान मुद्रा में कैलाशवासी भगवान शिव की प्रतिमा का कार्य जोरों पर। जो कल्याण भूमि सेवा समिति के सेवा भावी पदाधिकारियों की सकारात्मक सोच और सेवा भावना के जुनून से संभव हुआ है।
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लोगों की मेहनत ने बदली तस्वीर- श्मशान घाट के इस बदले तस्वीर को लेकर समिति सचिव आरके मोंगा बताते हैं कि वर्ष 2014 में कल्याण भूमि सेवा समिति ने सार-संभाल का जिम्मा लिया। इसके बाद लगातार कल्याण भूमि का कायाकल्प हो रहा है। तो वहीं अब तक करीब 30 लाख रुपए के विकास कार्य समिति ने व्यापार मंडल और जन सहयोग से करवाए हैं। मुख्य द्वार पर जीवन चक्र सचित्र अंकित है। जो हुतात्मा के संस्कार में पहुंचे लोगों को जीवनचर्या के बारे में सावचेत करता है। तो वहीं दूसरी ओर देवी देवताओं की भव्य मूर्तियां बरबस ही यहां आए लोगों को आकर्षित करती हैं। हरियाली बरबस ही लोगों को करती आकर्षित- यहां अंतिम संस्कार के समय हर व्यक्ति दुखी मन से यहां पहुंचता है पर कल्याण भूमि की प्राकृतिक छठा देखकर उसकी आत्मा को सुकून मिलता है। ऐसे में हर कोई समिति की सराहना करने से अपने आपको नहीं रोक पाता। जबकि यहां की हरियाली बरबस ही लोगों को अपनी कमाई से कुछ न कुछ दान देने के लिए प्रेरित करते हैं। समिति ने अपने स्तर पर आरा मशीन, ट्रेक्टर-ट्रॉली, दो वाटर कूलर उपलब्ध करवाए हैं। तो अमरनाथ सेवा समिति दो डीप फ्रिज और एक शव वाहन की व्यवस्था संभालती है। हाल के पास बने पार्क में कैलाश पर विराजे शिव प्रतिमा सहित फव्वारे लगाने का कार्य परवान पर है।
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