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नाम की गारंटी, आरयूबी बनाया और भूल गए अभियंता

locationहनुमानगढ़Published: Sep 26, 2021 08:20:41 pm

Submitted by:

Manoj

हनुमानगढ़ जंक्शन में रेलवे ओवरब्रिज के नीचे बने आरयूबी निर्माण में तकनीकी खामीरेलवे अण्डरब्रिज के निर्माण के दौरान ब्लॉक पैकिंग में रही विसंगति
मामूली बरसात और नाला ओवरफ्लो होने से भर जाता है पानी
लगातार पानी एकत्रित रहने से बन गई है फिसलन

नाम की गारंटी, आरयूबी बनाया और भूल गए अभियंता

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मनोज कुमार गोयल
हनुमानगढ़. जंक्शन में श्रीगंगानगर मार्ग पर स्थित रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के नीचे गत वर्ष बने रेलवे अण्डरब्रिज (आरयूबी) से आमजन को आवागमन में बड़ी राहत मिली है लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनदेखी के चलते कभी भी बड़ी जनहानि हो सकती है। सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने गत वर्ष लगभग छह करोड़ रुपए की लागत से आरयूबी निर्माण किया था। इसका निर्माण बीकानेर की एक फर्म ने किया था। निर्माण के दौरान इसमें एक तकनीकी खामी रह गई। आरयूबी के ब्लॉक ठीक से नहीं लगाए गए हैं। दो ब्लॉक के मध्य दरार रह गई है। नतीजा यह हुआ है कि हल्की सी बरसात अथवा आरयूबी के नजदीक बने गंदे पानी के नाले से पानी ओवरफ्लो हो कर आरयूबी के ब्लॉक में से पानी रिस-रिस कर अन्दर आ जाता है।
हालांकि बरसाती पानी आरयूबी में जाने से रोकने के लिए आरयूबी के ऊपर शैड लगाए गए हैं, आरयूबी की ढलान इस तरह बनाई गई है कि अन्दर आने और बाहर जाने के रास्ते से पानी अन्दर नहीं जाए। इस माह शहर में कई बार हुई बरसात से पानी आरयूबी में भर गया था। यह पानी लगातार रिस कर अन्दर जाता रहता है। इससे आवागमन में भारी परेशानी होती है।
पीडब्ल्यूडी के नियमानुसार निर्माण के पश्चात निर्माण करने वाले ठेकेदार अथवा कम्पनी की तीन साल तक निर्माण की गारंटी रहती है। निर्माण खराब होने अथवा क्षतिग्रस्त होने के बाद मरम्मत एवं रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित कम्पनी अथवा ठेकेदार की रहती है। आरयूबी के बाहर इस संबंध में एक सूचना पट्ट भी लगा हुआ है। सूचना पट्ट के अनुसार आरयूबी का निर्माण वर्ष 2020 में हुआ और इसके रखरखाव की जिम्मेदारी 2023 तक संबंधित कम्पनी की है लेकिन जानकारों के अनुसार गारंटी पीरियड में संबंधित कम्पनी के प्रतिनिधियों और पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की ओर से रखरखाव तो दूर की बात है, जिसका निरीक्षण तक भी नहीं किया गया है।
पानी से हो जाती है फिसलन
लगभग एक पखवाड़े से आरयूबी में लगातार पानी रिस रिस कर आ रहा है। वर्तमान में भी आरयूबी के अन्दर पानी भरा हुआ है। हालांकि इससे वाहन आ-जा रहे है लेकिन लगातार पानी रहने और वाहनों के आवागमन से पूरी तरह फिसलन बनी हुई है। कभी भी बड़ी जन हानि का सबब यह पानी बन सकता है। खास कर रात्रि के समय आरयूबी से निकलना खतरनाक हो गया है।

आरयूबी के ऊपर नहीं है पानी निकासी
रेलवे अण्डरब्र्रिज (आरयूबी) के ऊपर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बना हुआ है। आरओबी और आरयूबी के मध्य रेल पटरियां हैं। वहां से पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है। इससे बरसात में मिट्टी के ऊपर रूका हुआ पानी आरयूबी के ब्लॉक में से हो कर अन्दर चला जाता है। दूसरा आरयूबी के साथ से हो कर गंदे पानी का नाला गुजरता है। यह भी बरसात के दौरान ओवरफ्लो हो जाता है। इसका भी पानी रिस कर आरयूबी में जाता है। इसके अलावा एक पाइप लाइन भी आरयूबी के नजदीक से निकलती है। इसके क्षतिग्रस्त होने पर भी पानी आरयूबी में जाता है।
खतरा नहीं लेकिन होनी चाहिए मरम्मत
& बरसात आदि से पानी आरयूबी में जाता है। इससे आरयूबी को कोई खतरा नहीं है। आरसीसी के ब्लॉक बहुत मजबूत होते है, फिर भी पानी अन्दर नहीं जाना चाहिए, इससे आवागमन में परेशानी होती है। – सुभाष बंसल, अधिशासी अभियंता, नगर परिषद, हनुमानगढ़।
पीडब्ल्यूडी अभियंता दें ध्यान
& पीडब्ल्यूडी रेलवे अण्डर ब्रिज की निर्माण एजेंसी है, इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी पीडब्ल्यूडी की है। ऐसे में अभियंताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। पानी अन्दर जाने से जनता को बहुत परेशानी होती है। – प्रवीण मेहन, आरटीआई कार्यकर्ता, हनुमानगढ़।
आवागमन में होती है परेशानी
& आरयूबी में अक्सर पानी भर जाता है। अभी लगभग पन्द्रह बीस दिन से पानी एकत्रित है। आवागमन में बहुत ज्यादा परेशानी होती है। जिम्मेदार निर्माण एजेंसियों को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। – आशीष गोयल, सेक्टर बारह निवासी, हनुमानगढ़।
पाइप लाइन से आता है पानी
& रेलवे अण्डर ब्रिज के पास से रेलवे की पाइप लाइन गुजरती है, वह लीक हो जाती है तो पानी अन्दर आता है। उसे ठीक भी करवाया गया था, थोड़ा बहुत पानी आता है, समस्या ज्यादा नहीं है। फिर भी देख लेते हैं। – गुरनाम सिंह चौहान, अधिक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी, हनुमानगढ़।

व्यू
क्या बड़ी समस्या पर ही सक्रिय होता है प्रशासन ?
रेलवे अण्डर ब्रिज (आरयूबी) में रिस-रिस कर पानी आने की समस्या बहुत बड़ी नहीं है। क्या महज इस कारण ही इसकी अनदेखी की जा रही है। क्या समस्या वही बड़ी होती है। जिससे किसी व्यक्ति की जान चली जाए अथवा बड़ी दुर्घटना हो जाए ? क्या प्रशासन अथवा पीडब्ल्यूडी तभी सक्रिय होंगे जब यह सब हो जाएगा। मात्र एक बार इन संबंधित एजेंसियों के नुमाइदे साइकिल अथवा पैदल रेलवे अण्डरब्रिज से निकल जाएं, उन्हें अहसास हो जाएगा कि प्रतिदिन इस अण्डरब्रिज से साइकिल और पैदल निकलने वाले सैकड़ों शहरवासी कितने परेशान हैं। रिस-रिस कर पानी भर जाने से बनी फिसलन से निकलने में नागरिक कितने परेशान होते हैं, यह वही जानते हैं जो इसका सामना कर रहे हैं। दुखद पहलू यह है कि पीडब्ल्यूडी ने आरयूबी निर्माण के बाद तीन साल के लिए रखरखाव का जिम्मा भी निर्माण करने वाली कम्पनी को दिया है, फिर भी समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लगता है प्रशासन और पीडब्ल्यूडी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
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