पीछा करने की शिकायत
बच्चा गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह के बीच दो अगस्त को संगरिया के वार्ड 18 में किशोरियों के पीछा करने की घटना हुई। कोचिंग कर घर लौट रही 13 वर्षीय दो किशोरियों ने उधमसिंह चौक के पास दोपहर को दुकानदार अमरचंद वर्मा से मदद की गुहार लगाई। दोनों ने बताया कि दो लड़के उनका पीछा कर रहे हैं। दुकानदारों की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। मगर कोई सुराग नहीं लगा। बाद में सीसीटीवी फुटेज में दो-तीन संदिग्ध दिखे थे, उनकी पहचान नही हो सकी। इस संबंध में किशोरियों के परिजनों ने कोई मामला दर्ज नहीं कराया।
बच्चा गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह के बीच दो अगस्त को संगरिया के वार्ड 18 में किशोरियों के पीछा करने की घटना हुई। कोचिंग कर घर लौट रही 13 वर्षीय दो किशोरियों ने उधमसिंह चौक के पास दोपहर को दुकानदार अमरचंद वर्मा से मदद की गुहार लगाई। दोनों ने बताया कि दो लड़के उनका पीछा कर रहे हैं। दुकानदारों की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। मगर कोई सुराग नहीं लगा। बाद में सीसीटीवी फुटेज में दो-तीन संदिग्ध दिखे थे, उनकी पहचान नही हो सकी। इस संबंध में किशोरियों के परिजनों ने कोई मामला दर्ज नहीं कराया।
महिला को पहुंचाया थाने
बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते एक अगस्त को टिब्बी के वार्ड आठ में लोगों ने मानसिक रूप से परेशान महिला को गिरोह की सदस्य समझ लिया। पुलिस को शिकायत कर उसे थाने पहुंचा दिया। यद्यपि बाद में उसकी पहचान होने पर ऐलनाबाद से परिजन पहुंचे। पुलिस ने महिला को उन्हें सौंप दिया।
बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते एक अगस्त को टिब्बी के वार्ड आठ में लोगों ने मानसिक रूप से परेशान महिला को गिरोह की सदस्य समझ लिया। पुलिस को शिकायत कर उसे थाने पहुंचा दिया। यद्यपि बाद में उसकी पहचान होने पर ऐलनाबाद से परिजन पहुंचे। पुलिस ने महिला को उन्हें सौंप दिया।
बरत रहे सतर्कता
अभी तक किसी गिरोह के होने की बात सामने नहीं आई है। इसके बावजूद जिले के कई कस्बों व गांवों में लोग सतर्कता बरत रहे हैं। यद्यपि सावधानी व सतर्कता अच्छी बात है। मगर अफवाहों के इस माहौल में अति सतर्कता संदेह के आधार पर किसी के साथ मारपीट का कारण भी बन सकती है।
अभी तक किसी गिरोह के होने की बात सामने नहीं आई है। इसके बावजूद जिले के कई कस्बों व गांवों में लोग सतर्कता बरत रहे हैं। यद्यपि सावधानी व सतर्कता अच्छी बात है। मगर अफवाहों के इस माहौल में अति सतर्कता संदेह के आधार पर किसी के साथ मारपीट का कारण भी बन सकती है।
बचें अफवाहें आगे बढ़ाने से
– सामान्यत: अगर कोई पशु भी चोरी हो जाता है तो लोग मामला दर्ज करवा देते हैं। अफवाहों की मानें तो आए दिन कभी इस गांव से तो कभी उस कस्बे से बच्चे चोरी होने की घटनाएं हो रही हैं। जबकि ऐसे कोई मामले थानों में दर्ज नहीं हो रहे और ना ही कोई तथ्य सामने आ रहे हैं। इसका सीधा सा अर्थ है कि कहीं से बच्चे चोरी नहीं हो रहे हैं। इसलिए आमजन पुलिस या समाचार पत्र के जरिए अफवाह की पड़ताल कर सकते हैं।
– निराधार बातें सुनकर महज चर्चा के उद्देश्य से उन्हें आगे बढ़ाने से बचें। जब तक कोई साक्ष्य ना हो, ऐसी बातों पर यकीन ना करें।
– कच्छा व बच्चे चुराने वाले गिरोह की सुनी-सुनाई बातों को नमक-मिर्च लगाकर आगे बढ़ाने से बचें।
– सजगता बरतें। कोई संदिग्ध भी लगे तो संयमित ढंग से पूछताछ की जा सकती है।
इस तरह फैल रही अफवाहें
पिछले सप्ताह रावतसर बस स्टैंड से बच्चों को उठाकर ले जाने की सूचना व्हाट्सअप गु्रप में वायरल की गई। जबकि हकीकत में ऐसी कोई घटना वहां नहीं हुई थी। इसी तरह नोहर के कई गांवों से बच्चे उठाए गए हैं। अब गिरोह नोहर कस्बे में सक्रिय है। ऐसा मैसेज भी सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर घूम रहा है। मगर नोहर तहसील क्षेत्र में कहीं भी बच्चों को उठाकर ले जाने की घटना नहीं हुई है।
नहीं हुई कोई घटना
कई दिनों से बच्चा गिरोह के घूमने की अफवाह फैलाई जा रही है। जबकि जिले में कहीं भी बच्चा उठाने या अपहरण की घटना नहीं हुई है। लोग अफवाह फैलाने व इस पर विश्वास करने से बचे। किसी कार्य से यहां बाहर से आए व्यक्ति के साथ दुव्र्यवहार व मारपीट से बचें। अगर कहीं कोई संदिग्ध लगे भी तो तत्काल पुलिस को सूचित करना चाहिए ताकि उसका सत्यापन किया जा सके। कानून हाथ में लेने से समस्या बढ़ सकती है। सोशल मीडिया पर इस तरह के संदेश आगे बढ़ाने से माहौल खराब होता है। जिले के पुलिस अधिकारियों को भी विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। – कालूराम रावत, जिला पुलिस अधीक्षक।
– सामान्यत: अगर कोई पशु भी चोरी हो जाता है तो लोग मामला दर्ज करवा देते हैं। अफवाहों की मानें तो आए दिन कभी इस गांव से तो कभी उस कस्बे से बच्चे चोरी होने की घटनाएं हो रही हैं। जबकि ऐसे कोई मामले थानों में दर्ज नहीं हो रहे और ना ही कोई तथ्य सामने आ रहे हैं। इसका सीधा सा अर्थ है कि कहीं से बच्चे चोरी नहीं हो रहे हैं। इसलिए आमजन पुलिस या समाचार पत्र के जरिए अफवाह की पड़ताल कर सकते हैं।
– निराधार बातें सुनकर महज चर्चा के उद्देश्य से उन्हें आगे बढ़ाने से बचें। जब तक कोई साक्ष्य ना हो, ऐसी बातों पर यकीन ना करें।
– कच्छा व बच्चे चुराने वाले गिरोह की सुनी-सुनाई बातों को नमक-मिर्च लगाकर आगे बढ़ाने से बचें।
– सजगता बरतें। कोई संदिग्ध भी लगे तो संयमित ढंग से पूछताछ की जा सकती है।
इस तरह फैल रही अफवाहें
पिछले सप्ताह रावतसर बस स्टैंड से बच्चों को उठाकर ले जाने की सूचना व्हाट्सअप गु्रप में वायरल की गई। जबकि हकीकत में ऐसी कोई घटना वहां नहीं हुई थी। इसी तरह नोहर के कई गांवों से बच्चे उठाए गए हैं। अब गिरोह नोहर कस्बे में सक्रिय है। ऐसा मैसेज भी सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर घूम रहा है। मगर नोहर तहसील क्षेत्र में कहीं भी बच्चों को उठाकर ले जाने की घटना नहीं हुई है।
नहीं हुई कोई घटना
कई दिनों से बच्चा गिरोह के घूमने की अफवाह फैलाई जा रही है। जबकि जिले में कहीं भी बच्चा उठाने या अपहरण की घटना नहीं हुई है। लोग अफवाह फैलाने व इस पर विश्वास करने से बचे। किसी कार्य से यहां बाहर से आए व्यक्ति के साथ दुव्र्यवहार व मारपीट से बचें। अगर कहीं कोई संदिग्ध लगे भी तो तत्काल पुलिस को सूचित करना चाहिए ताकि उसका सत्यापन किया जा सके। कानून हाथ में लेने से समस्या बढ़ सकती है। सोशल मीडिया पर इस तरह के संदेश आगे बढ़ाने से माहौल खराब होता है। जिले के पुलिस अधिकारियों को भी विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। – कालूराम रावत, जिला पुलिस अधीक्षक।