कॉमेडी फिल्म है: मौसम ने अपनी नई फिल्म के सम्बंध में पत्रिका संवाददाता कृष्ण करवा को बताया कि वेन ओबामा लव ओसामा फिल्म में वह अमन ओबामा का किरदार निभा रहे है वहीं उनकी साथ अभिनेत्री श्वाति बख्शी मैगी ओसामा के किरदार में है। फिल्म में लव स्टोरी के साथ एक्शन व कॉमेडी का तड़का लगाया गया है जो दर्शकों को बहुत पसंद आएगा। वर्तमान में यह फिल्म स्थानीय बीएस विला में भी चलाई जा रही है।
पापा के सपने को पूरा करने का था लक्ष्य मौसम ने फिल्म लाईन में जाने के निर्णय के सम्बंध में बताया कि उनके पापा थियेटर का शौंक रखते थे परंतु घरवालों की अनुमति नहीं मिलने के कारण यह कार्य नहीं कर पाए इसलिए मुम्बई से वापिस लौट आए। उनका लक्ष्य पहले दिन से पापा के बकाया सपने को पूरा करने का था व इसके लिए उनके मम्मी पापा ने बहुत सहयोग किया। वे पिछले चार वर्ष से मुम्बई में कार्यरत है।
कौन है मौसम शर्मा: 15जुलाई 1991 को ननिहाल हनुमानगढ में पैदा हुए मौसम का परिवार मूल रूप से निकटवर्ती गांव अबूबशहर (हरियाणा) का रहने वाला है। उनके दादाजी डॉ.सत्यनारायण शर्मा अबूबशहर में रहते है। उनके पिता राजकीय विद्यालय में विज्ञान के प्राध्यापक है व माता एसकेएम स्कूल में अध्यापिका पद पर कार्यरत है। मौसम को अभिनय के साथ-साथ कविता लेखन, नृत्य व साधना का शौंक है। विद्यालय के प्रधानाचार्य शाहकृष्ण मुरारी ने बताया कि मौसम शुरू से मेधावी रहा है व विद्यालय के प्रत्येक कार्यक्रम में स्टेज पर प्रस्तुति देता था। वह स्काउट में राज्यपाल पदक प्राप्त कर चुका है व अंतर्राष्ट्रीय जम्बूरी में पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है। वे महाविद्यालय में भी मिस्टर फे्रशर चुने जा चुके है।
ऐसे चला संघर्ष का सफर: मौसम ने कक्षा 12 तक की शिक्षा स्थानीय एसकेएम पब्लिक स्कूल से 2009 में पूर्ण की। उसके पश्चात कम्पयूटर विज्ञान विषय में इंजिनियरिंग के लिए चंढीगढ के सूर्या कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग में प्रवेश लिया। इंजिनियरिंग के साथ ही अपने शौंक के चलते चंढीगढ के सेक्टर 18 स्थित थियेटर में प्रवेश ले लिया। वहां उन्होने मुकेश शर्मा के निर्देशन में जन्माष्टमी पर कृष्ण लीला प्ले प्रस्तुत किया। उसके पश्चात फरवरी 2013 में बीटेक डिग्री की इंटर्नशिप पूरी करने के लिए दिल्ली आ गए व लिविंग रूम थियेटर में प्रवेश ले लिया। यहां मॉडलिंग, प्ले, ऑडिशन के साथ-साथ बिना मन के इंजिनियरिंग कम्पनियों में भी नौकरी के लिए साक्षात्कार देते रहे। इस दौरान उन्होने विपी कालरा के निर्देशन में मुगल शासक मोहम्मद शाह, भाग आलेवर भाग, विवेकांनद आदि प्ले किए। इस दौरान कड़े संघर्ष व मेहनत के पश्चात निदेशक राजेश्वर चौहान ने अपनी तीन युवाओं पर आधारित फिल्म हम है तीन खुरापाती के लिए चयनित किया। यहीं से उनका वॉलीवुड का सफर प्रारंभ हुआ।
युवाओं को संदेश: उन्होने युवाओं से संदेश में कहा कि अभिनय भी एक खेल की तरह है जिसमें शरीर के साथ-साथ मन को समर्पित कर प्रस्तुत करना पड़ता है। सफल होने के लिए कड़ी मेहनत पहली आवश्यकता है। उसके पश्चात नजदीक क्षेत्र में पंजाब व दिल्ली की फिल्म इंडस्ट्रीज एक बड़ा बाजार है जहां से अपने हुनर को प्रस्तुत करने का शीघ्र अवसर मिल सकता है। इसके अतिरिक्त यू टयूब को भी इसके लिए एक बड़ा बाजार बताया।
विद्यालयों में आवश्यकता थियेटर क्लब की उन्होने संगरिया इलाके में कला क्षेत्र में प्रगति के लिए विद्यालय स्तर पर ही प्रतिभा को उभरने का अवसर देने की बात कही। उन्होने इसके लिए विद्यालय स्तर पर ड्रामा व थियेटर क्लब की स्थापना करने व इसमें रुची रखने वालों को इसमें जोडऩे की बात कही। इससे विद्यालयों में वर्ष भर में होने वाले कार्यक्रमों का स्तर सुधरेगा, साथ ही उर्जावान प्रतिभा को अधिक अवसर प्राप्त होगा। उन्होने माता-पिता व परिजनों से भी अपील करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ इस प्रकार की प्रतिभा वालों को भी अवसर अवश्य प्रदान करें।