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खरीद सीमा हटे तो किसानों को मिले राहत

locationहनुमानगढ़Published: Mar 24, 2019 06:52:05 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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खरीद सीमा हटे तो किसानों को मिले राहत


-जिले में चने व सरसों की सरकारी खरीद का मामला

हनुमानगढ़. सरसों व चने की सरकारी खरीद में २५ क्विंटल की अधिकतम खरीद सीमा के चलते किसान परेशान हैं। हालांकि मंडियों में अभी तक इन दोनों फसलों की आवक शुरू नहीं हुई है। लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर करीब एक माह से सरकार को अवगत करवा रहे हैं। बावजूद इस संबंध में किसी तरह का निर्णय नहीं हुआ है। किसानों का कहना है कि हनुमानगढ़ जिला कृषि प्रधान है। यहां पर उत्पादन अन्य जिलों की तुलना मे काफी होता है। इसलिए औसत उत्पादन के आधार पर खरीद सीमा निर्धारित करना उचित नहीं है। किसानों की मांग है कि उत्पादन के अनुसार किसानों की फसल को सरकार खरीदे। जिससे किसानों को कम से कम उक्त दोनों फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तो प्राप्त होगा। किसान नेता रणवीर सिहाग ने बताया कि सीएम का सूरतगढ़ का कार्यक्रम बना है। वहां पर विधायक के सहयोग से किसानों की बात पहुंचाने का प्रयास करेंगे। जिससे किसानों को उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके। किसान नेता ओम जांगू ने खरीद सीमा नहीं बढ़ाने पर जल्द कलक्ट्रेट के घेराव की चेतावनी दी है। वहीं कृषि अधिकारियों का कहना है कि इस बार रबी फसलों की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। अब तक मौसम ने जिस तरह से साथ निभाया है, उसी तरह कुछ दिन और निकल गए तो आगे रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार इस वर्ष सरसों की फसल ४२०० तथा चने की फसल ४६२० रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जाएगी। जबकि गत वर्ष सरसों की खरीद ४००० तथा चने की ४४०० रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से हुई थी। सरकारी खरीद को लेकर टोकन जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरसों व चने की फसल के लिए किसानों को एक बार ही नामांकन करवाना होगा। दोनों फसलों की सरकारी खरीद की अधिकतम सीमा २५-२५ क्विंटल निर्धारित की गई है। सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार अमीलाल सहारण ने बताया कि दोनों फसलों की सरकारी खरीद को लेकर टेंडर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। स्थानीय स्तर पर बारदाना खरीदने को लेकर कमेटी गठन करने को लेकर भी निर्देश जारी हो गए हैं। निर्धारित समय पर सरकारी खरीद शुरू करने का प्रयास है। जिले में एक अप्रेल से दोनों फसलों की सरकारी खरीद होगी। किसान सरकारी खरीद शुरू होने से पहले खरीद सीमा बढऩे के इंतजार में हैं। सरकार स्तर पर जब तक इसे लेकर निर्णय नहीं लिया जाएगा, किसानों को राहत मिलने के आसार नहीं हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी किसानों की इस समस्या को लेकर गंभीर होने की जरूरत है।
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