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ताकि किसानों को समय पर जारी हो सके फसल बीमा का क्लेम, स्मार्ट सेंपलिंग से करेंगे फसल कटाई प्रयोग

locationहनुमानगढ़Published: Mar 02, 2021 08:35:54 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. रबी 2020-21 में कई जिलों में स्मार्ट सेंपलिंग तरीके से फसल कटाई प्रयोग किए जाएंगे। इसमें सरसों फसल के लिए भरतपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली, जयपुर, दौसा, टोंक व जालौर जिले का चयन किया गया है।
 

ताकि किसानों को समय पर जारी हो सके फसल बीमा का क्लेम, स्मार्ट सेंपलिंग से करेंगे फसल कटाई प्रयोग

ताकि किसानों को समय पर जारी हो सके फसल बीमा का क्लेम, स्मार्ट सेंपलिंग से करेंगे फसल कटाई प्रयोग

ताकि किसानों को समय पर जारी हो सके फसल बीमा का क्लेम, स्मार्ट सेंपलिंग से करेंगे फसल कटाई प्रयोग
हनुमानगढ़. रबी 2020-21 में कई जिलों में स्मार्ट सेंपलिंग तरीके से फसल कटाई प्रयोग किए जाएंगे। इसमें सरसों फसल के लिए भरतपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली, जयपुर, दौसा, टोंक व जालौर जिले का चयन किया गया है। इसी तरह गेहूं फसल के लिए हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, कोटा, झालावाड़, बूंदी, बारां, भीलवाड़ा व चितौडग़ढ़ जिले का चयन किया गया है। इन जिलों में स्मार्ट सेंपलिंग तकनीक से फसल कटाई प्रयोग के कार्य करवाए जाएंगे।
इसके सफल क्रियान्वयन के लिए हनुमानगढ़ जिले के कृषि अधिकारी बीआर बाकोलिया को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। बाकोलिया अब चयनित जिलों व भारत सरकार के अधिकारियों के बीच समन्वय बनाकर फसल कटाई प्रयोग संपन्न करवाने में जुट गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में लाखों हेक्टेयर में गेहूं व सरसों की बिजाई हुई है।
अगेती फसल के कटाई का कार्य आने वाले दिनों में जल्द शुरू कर दिया जाएगा। फसल कटाई प्रयोग कार्य पूर्ण करने के बाद आगे इसके आधार पर किसानों को पीएम फसल बीमा योजना के तहत क्लेम जारी किए जाएंगे। इस तकनीक के जरिए फसल कटाई प्रयोग करने पर गुणवत्ता युक्त कार्य होने की उम्मीद है। समय पर किसानों को बीमा क्लेम जारी हो सके, इसके लिए जरूरी है कि फसल कटाई प्रयोग कार्य समय पर पूर्ण हो। समय पर फसल कटाई प्रयोग कार्य पूर्ण होने के बाद ही किसानों को समय पर क्लेम मिलना संभव हो सकेगा।
इधर लगा रहे चक्कर
चालू वर्ष में फसल बीमा क्लेम जारी करने को लेकर जहां कृषि विभाग स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं जिले में हजारों किसान ऐसे भी हैं, जो करीब दो वर्ष से बीमा क्लेम लेने को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनको आज तक भुगतान नहीं हुआ है। राज्य सरकार स्तर पर कंपनी को पाबंद करने के बावजूद किसानों को भुगतान नहीं होने के कारण इस बीमा योजना पर सवाल भी उठ रहे हैं।
बढ़ रहा रुझान
जिले में फसल बीमा करवाने के प्रति किसानों का रुझान काफी बढ़ रहा है। पहले फसली ऋण लेने वाले किसानों के लिए बीमा करवाना अनिवार्य था। लेकिन बीते दिनों इसे ऐच्छिक कर दिया गया। इसके बाद भी किसानों में बीमा योजना के प्रति काफी उत्साह देखने को मिला था।

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