इधर लगा रहे चक्कर
चालू वर्ष में फसल बीमा क्लेम जारी करने को लेकर जहां कृषि विभाग स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं जिले में हजारों किसान ऐसे भी हैं, जो करीब दो वर्ष से बीमा क्लेम लेने को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनको आज तक भुगतान नहीं हुआ है। राज्य सरकार स्तर पर कंपनी को पाबंद करने के बावजूद किसानों को भुगतान नहीं होने के कारण इस बीमा योजना पर सवाल भी उठ रहे हैं।
चालू वर्ष में फसल बीमा क्लेम जारी करने को लेकर जहां कृषि विभाग स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं जिले में हजारों किसान ऐसे भी हैं, जो करीब दो वर्ष से बीमा क्लेम लेने को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनको आज तक भुगतान नहीं हुआ है। राज्य सरकार स्तर पर कंपनी को पाबंद करने के बावजूद किसानों को भुगतान नहीं होने के कारण इस बीमा योजना पर सवाल भी उठ रहे हैं।
बढ़ रहा रुझान
जिले में फसल बीमा करवाने के प्रति किसानों का रुझान काफी बढ़ रहा है। पहले फसली ऋण लेने वाले किसानों के लिए बीमा करवाना अनिवार्य था। लेकिन बीते दिनों इसे ऐच्छिक कर दिया गया। इसके बाद भी किसानों में बीमा योजना के प्रति काफी उत्साह देखने को मिला था।
जिले में फसल बीमा करवाने के प्रति किसानों का रुझान काफी बढ़ रहा है। पहले फसली ऋण लेने वाले किसानों के लिए बीमा करवाना अनिवार्य था। लेकिन बीते दिनों इसे ऐच्छिक कर दिया गया। इसके बाद भी किसानों में बीमा योजना के प्रति काफी उत्साह देखने को मिला था।