हनुमानगढ़

प्रहरी का शव लेकर थाने के समक्ष रात को भी धरना, तीन सिपाही लाइन हाजिर

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हनुमानगढ़May 23, 2019 / 09:41 pm

adrish khan

प्रहरी का शव लेकर थाने के समक्ष रात को भी धरना, तीन सिपाही लाइन हाजिर

प्रहरी का शव लेकर थाने के समक्ष रात को भी धरना, तीन सिपाही लाइन हाजिर
– प्रदर्शनकारियों व पुलिस में झड़प
– जेल प्रहरी की मारपीट से मौत का मामला
– आरोपियों की गिरफ्तारी व खुईंया थाना पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नोहर. जेल में बंद अपराधी को सुविधाएं मुहैया नहीं कराने पर जेल प्रहरी से मारपीट व घटना के 24 दिन बाद उसकी मौत से गुस्साए परिजनों ने गुरुवार को थाने के समक्ष शव रखकर धरना लगा दिया, जो देर रात तक जारी था। पुलिस अधिकारी समझाइश में लगे हुए थे। एसपी ने खुईंया थाने के तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर भी कर दिया है। जेल प्रहरी सुखदास स्वामी (31) पुत्र रामप्रताप स्वामी निवासी खुईंया की बुधवार रात मौत हो गई थी। मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी, खुईयां थाना स्टाफ पर कार्रवाई सहित विभिन्न मांगों को लेकर मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने रोष्ट प्रकट किया। परिजनों ने मांग पूरी होने तक शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। इससे पुलिस व प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने नोहर पुलिस थाने का घेराव कर सुरक्षा घेरा तोड़कर थाने में घुसने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों में हल्की झड़प भी हुई।
मामला बढ़ा तो चूरू मतगणना में गए थाना प्रभारी विक्रमसिंह चारण वापस लौट आए। वहीं पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ते के साथ एसपी कालूराम रावत व एएसपी हनुमानगढ़ चन्द्रेश गुप्ता मौके पर पहुंचे। देर शाम तक दोनों अधिकारी व भारी पुलिस जाब्ता थाने में तैनात था। दिन में आंदोलनकारियों व पुलिस के बीच कई बार वार्ता हुई। लेकिन आंदोलनकारी सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सहित अन्य मांगें पूरी होने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने पर अड़े रहे। जेल अधीक्षक बीकानेर परमजीतसिंह संधु व जिला जेल उपाधीक्षक सुरेश कुमार मीणा ने भी नोहर पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी लेकर परिजनों को सांत्वना दी।
संघर्ष समिति गठित
मृतक जेल प्रहरी के परिजनों को न्याय दिलाने सहित विभिन्न मांगों के लिए आंदोलनकारियों ने 18 सदस्यीय संघर्ष समिति का गठन किया है। संघर्ष समिति ने जेल प्रहरी पर हमले के सभी आरोपियों को तुरन्त गिरफ्तार करने, पीडि़त परिजनों को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा ड्यूटी करने के लिए आते समय हुए हमले में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा देने की मांग की। इसके लिए जिला परिषद सदस्य मंगेज चौधरी, पूर्व तहसीलदार गोवर्धन दास, पूर्व उप प्रधान रामकुमार स्वामी, स्वामी सभाध्यक्ष रामस्वरूप स्वामी, मांगीलाल सहू, पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेन्द्र जोशी, पूर्व सरपंच रामेश्वरदास स्वामी, विनोद स्वामी, स्वामी समाज प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप स्वामी, रामनिवास स्वामी, पूर्व सरपंच महावीर स्वामी, माकपा सचिव सुरेश स्वामी, पूर्व सरपंच शंकरलाल शर्मा, ओम पारीक, भानुप्रताप सिंह, रामनिवास स्वामी, रामप्रताप व विनोद भूकरका को संघर्ष समिति में शामिल किया गया है।
14 को अस्पताल से छुट्टी
घायल सुखदास स्वामी को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। वहां कई दिनों तक उसका उपचार चला। हालत में सुधार होने पर परिजन उसे 14 मई को घर ले आए। सुखदास हमले के बाद से ही तनाव में था। बुधवार शाम को अचानक तबीयत बिगडऩे पर सुखदास को नोहर के राजकीय चिकित्सालय लाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्या है मामला
उप कारागार में बंद हिस्ट्रीशीटर सद्दाम पठान पुत्र अमीर हसन को कथित रूप से सुविधाएं मुहैया नहीं कराने पर जेल प्रहरी सुखदास सहित अन्य स्टाफ में भय पैदा करने के लिए उसके गुर्गों ने हमले की योजना बनाई। 29 अप्रेल शाम को जेल प्रहरी सुखदास स्वामी गांव खुईंया से बाइक पर रात्रिकालीन ड्यूटी के लिए घर से रवाना हुआ। इसी दौरान गोरखाना के पास रोही में कैम्पर गाड़ी में सवार होकर आए नोहर निवासी अजरूहदीन पठान, उसका दोस्त हरियाणा निवासी मणी व तीन-चार अन्य लाठी, सरिया, पिस्तौल आदि से लैस होकर आए। जान से मारने की नीयत से सुखदास पर लाठी व सरियों से ताबड़तोड़ वार किए। उसके हाथ व पैरों में गंभीर चोटें आई। पुलिस ने जेल में बंद सद्दाम पठान, उसके भाई अजरूहदीन, मणी व तीन अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया।
अब तक तीन गिरफ्तार
खुईयां पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सद्दाम पठान पुत्र अमीर हसन निवासी वार्ड 26 नोहर को जिला कारागृह से तथा नगरासरी निवासी अक्षय कुमार पुत्र हनुमान टांडी को नोहर उप कारागार से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया। इससे पूर्व पुलिस ने जयपुर से नोहर लौटते समय बस में सवार नेहरू नगर वार्ड 28 निवासी हुसैन पुत्र इकरामु तेली को साहवा-तारानगर मार्ग पर गिरफ्तार किया गया था। हमले के आरोपी हुसैन ने पुलिस को बताया कि सद्दाम को जेल में सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए वे उप कारागार स्टाफ में अपना खौफ पैदा करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जेल प्रहरी सुखदास स्वामी पर हमला किया। हमले का मुख्य आरोपी अजरूहदीन घटना के बाद से ही फरार है।
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