रजिस्टर का निरीक्षण करने पर पाया कि करीब डेढ़ वर्ष से चिकित्सालय में कोई डिलीवरी नहीं हो रही है। पीएचसी दो-तीन रूम में ही संचालित किया जा रहा था। अस्पताल में सफाई व्यवस्था काफी खराब मिली। बाथरूम, वाशबेसिन व लेट्रिन बदतर हालात में मिले।
दोनों न्यायिक अधिकारियों ने शाम करीब पौने छह बजे मेगा हाईवे पर स्थित गांव लखूवाली के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पीएचसी पर ताला लगा हुआ था। निरीक्षण टीम के पहुंचते ही गांव के लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। ग्रामीण अहमद रजा, मोहम्मद रजा, आबिद खां, रवि कुमार, अब्दुल गफार, अकरम आदि द्वारा स्वैच्छिक रूप से एक शिकायत प्रार्थना पत्र दिया। एकत्रित भीड़ में उपस्थित लोगों ने जाहिर किया कि सुबह के समय ईलाज के लिए कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं मिलता है तथा शाम के समय पीएचसी खुलता ही नहीं है। इसके पश्चात मौका पर स्टॉफ द्वारा पी.एच.सी. के ताले खोले गए। पी.एच.सी. का निरीक्षण करने पर पाया कि जनरल वार्ड जो काफी समय से बंद पड़ा था, जिसे लगभग कबाड़ रूम बना रखा था। उसमें काफी समय से सफाई नहीं हुई थी।
जनरल वार्ड में जो मरीजों हेतु बैड पड़े थे जो कि ऐसी स्थिति में थे जिन पर मरीजों को नहीं रखा जा सकता है। उन पर काफी धूल जमी हुई थी जो कि काफी लम्बे समय से उपयोग में नहीं आ रहे थे तथा पी.एच.सी. में डिलीवरी नहीं हो रही है। टायलेट व वाशबेसिन अत्यन्त दयनीय स्थिति में पाए गए। जिनसे बदबू आ रही थी तथा बाथरूम में काफी कीड़े-मकौड़े थे। सफाई व्यवस्था बदतर थी।
पीएचसी में लगे वाटर कूलर के आस-पास काफी गन्दगी मिली, कोई साफ-सफाई नहीं थी। वाटर कूलर में पानी की एक बूंद भी नहीं थी जो कि काफी समय से उपयोग में नहीं आ रहा था। उपस्थित आमजन व स्टाफ ने वाटर कूलर में करंट आना बताया।