हनुमानगढ़

तारबंदी कर खेत को बनाएं सुरक्षित, कृषि विभाग ने योजना के नियमों में किया बदलाव

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हनुमानगढ़Mar 15, 2019 / 12:10 pm

Purushottam Jha

तारबंदी कर खेत को बनाएं सुरक्षित, कृषि विभाग ने योजना के नियमों में किया बदलाव


-मिलेगा चालीस हजार रुपए प्रति किसान अनुदान
हनुमानगढ़. तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने तारबंदी योजना में बदलाव करने का निर्णय लिया है। कृषि आयुक्त की ओर से हाल ही में जारी आदेश में वर्ष २०१८-१९ में उक्त योजना के तहत कम्यूनिटी बेसिस पर करने का निर्णय लिया है। इसमें कम से कम पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है। इसी तरह तीन किसानों का समूह बनने पर तारबंदी योजना के लिए अब आवेदन किया जा सकेगा। कृषि अधिकारी हनुमानगढ़ बीआर बाकोलिया के अनुसार पूर्व में उक्त योजना के तहत कम से कम दस हैक्टेयर क्षेत्रफल तथा पांच किसानों का समूह होना जरूरी था। लेकिन अब किसानों की सहूलियत के लिए विभाग स्तर पर उक्त नियम मेंं ढिलाई देने का निर्णय लिया है। कांटेदार चैनलिंक तारबंदी योजना के लिए जिलेवार बजट का आवंटन भी किया गया है। पहले चरण में हनुमानगढ़ जिले के लिए बीस व श्रीगंगानगर जिले के लिए बत्तीस लाख रुपए का बजट मंजूर किया गया है। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों का भी औसतन बीस से पच्चीस लाख रुपए का बजट तारबंदी योजना के तहत मंजूर करके किसानों को अपने खेत की सुरक्षा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। आवेदन के बाद समूह का वरीयताक्रम निर्धारण कर किसानों को लाभान्वित करने की योजना है। इस योजना में सभी श्रेणी के किसान समान रूप से लाभान्वित हो सकेंगे। इसके लिए किसान का आधार कार्ड होना जरूरी है। अनुदान सीधे किसानों के खाते में जमा होगी।
तारबंदी योजना के तहत प्रति किसान अधिकतम चालीस हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। विभाग का मानना है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैयार फसल को नील गाय और अन्य पशु नुकसान पहुंचाते हैं। इसका बड़ा कारण खेतों का खुला होना है। तारबंदी के बाद किसानों के खेत सुरक्षित होंगे। जिससे निश्चित तौर पर उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। जिससे किसानों की आर्थिक हालत भी सुधर सकेगी। इस योजना को १०० दिवसीय कार्य योजना में प्राथमिकता से शामिल करके किसानों को लाभान्वित करने का प्रयास जारी है। इसके लिए कृषि विभाग स्तर पर किसानों की गोष्ठियां भी करवाई जा रही है।
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