जबकि अनुपातिक रूप से भाखड़ा का पानी भी प्रदेश को मिलता है। इन तीनों बांधों में हो रही आवक के आधार पर राजस्थान की नहरों में जून में चलने वाले सिंचाई पानी का निर्धारण किया जाएगा। इसे लेकर 29 जून को बीबीएमबी की बैठक बुलाई गई है। इसमें राजस्थान का प्रतिनिधित्व जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगे। इन बांधों के माध्यम से प्रदेश की इंदिरागांधी, भाखड़ा, गंगकैनाल, सिद्धमुख नोहर प्रणाली आदि नहरों को सिंचाई पानी चलाया जाता है।
राजस्थान की इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू,
जोधपुर ,
बीकानेर , झुंझुंनू,
जैसलमेर , बाड़मेर, नागौर सहित प्रदेश के करीब दस जिलों में जलापूर्ति होती है। पानी की मात्रा कम होने के कारण वर्तमान में पौने दो माह से इंदिरागांधी नहर में सिंचाई पानी नहीं चला है। आगे बांधों में पानी की आवक लगातार इसी तरह से जारी रहने पर राजस्थान को सिंचाई पानी मिल सकता है।
जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता केएल जाखड़ ने बताया कि रणजीत सागर बांध में २६ मई को करीब ६००० क्यूसेक पानी की आवक हुई। आवक की स्थिति लगातार सुधर रही है। जिस तरह से गर्मी पड़ रही है, उससे लगता है कि दो-तीन दिनों में बर्फ और पिघलेगी, जिससे पानी का फ्लो तेज होगा। इसका लाभ निश्चित तौर पर प्रदेश को मिलेगा।