नशीली दवा तस्करी के तीन दोषियों को दस साल कारावास
हनुमानगढ़Published: Oct 17, 2023 08:47:50 pm
नशीली दवा तस्करी के प्रकरण में मंगलवार को विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण रूपचंद सुथार ने तीन जनों को दोषी करार दिया। कोर्ट ने तीनों को दस-दस साल के कठोर कारावास एवं एक-एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।


नशीली दवा तस्करी के तीन दोषियों को दस साल कारावास
नशीली दवा तस्करी के तीन दोषियों को दस साल कारावास
- विशिष्ट न्यायालय एनडीपीएस ने वर्ष 2021 के प्रकरण में सुनाई सजा
- तल्ख टिप्पणी के साथ कोर्ट ने दोषियों पर ठोका एक लाख रुपए का जुर्माना भी
हनुमानगढ़. नशीली दवा तस्करी के प्रकरण में मंगलवार को विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण रूपचंद सुथार ने तीन जनों को दोषी करार दिया। कोर्ट ने तीनों को दस-दस साल के कठोर कारावास एवं एक-एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषियों को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। राज्य की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार 12 दिसम्बर 2021 को जंक्शन थाने के तत्कालीन प्रभारी ने नाकाबंदी के दौरान एसटीजी नहर पर एक संदिग्ध युवक की तलाशी ली। उसके कब्जे से एनडीपीएस घटक की कोडिन फास्फेट कफ सिरप की 90 शीशी बरामद हुई। आरोपी की पहचान शिफतुला उर्फ इमरान उर्फ लाला पुत्र इशाक अली निवासी पुलकित स्कूल के पास, वार्ड चार, नई खुंजा जंक्शन के रूप में हुई। आरोपी के पास दवा के भंडारण एवं परिवहन संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिला। इस पर पुलिस ने दवा जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया। एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर जांच गोलूवाला थाना प्रभारी को सौंपी गई।
दिल्ली से लाए थे दवा
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी शिफतुला से मिलकर रामकुमार उर्फ रामू उर्फ दिलीप पुत्र पूर्णपाल गरेरी निवासी केवटना, पोस्ट बलहा, पीएस सुपौल बिहार हाल किराएदार शास्त्री पार्क, दिल्ली तथा कृष्णलाल पुत्र भागीरथ मेघवाल निवासी वार्ड छह, पक्का भादवा, पीएस सदर नशीली दवा दिल्ली से खरीद कर लाए थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों की मोबाइल फोन पर बातचीत का रेकॉर्ड संबंधित टेलीकॉम कंपनी से प्राप्त किया तथा तीनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल आठ गवाह पेश किए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने शिफतुला, रामकुमार एवं कृष्णलाल को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
कोर्ट की गंभीर टिप्पणी
न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए बढ़ते नशे एवं नशा विक्रय पर गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी निरंतर बढ़ रही है, यह चिंतनीय है। इससे समाज, कानून व्यवस्था एवं युवाओं पर खतरनाक असर पड़ रहा है। नशा विक्रय तो हत्या से भी घातक अपराध है। हत्या के मामले में तो अभियुक्त एक या दो जनों की हत्या करता है। मगर नशा बेचने वाले तो पूरी पीढ़ी को ही बर्बाद कर रहे हैं।