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परिवार की रीढ़ कमाऊ पूतों की टूटी रीढ़ की हड्डी, बरसों से पिता लाचार, अब बेटा भी चारपाई पर

locationहनुमानगढ़Published: Feb 23, 2019 12:45:27 pm

Submitted by:

adrish khan

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hanumangarh ke chidiya ghandhi ke pariwar ki peeda

परिवार की रीढ़ कमाऊ पूतों की टूटी रीढ़ की हड्डी, बरसों से पिता लाचार, अब बेटा भी चारपाई पर

परिवार की रीढ़ कमाऊ पूतों की टूटी रीढ़ की हड्डी, बरसों से पिता लाचार, अब बेटा भी चारपाई पर
सरकारी मदद की दरकार, इलाज में खर्च जमा पूंजी
– नहीं ली किसी ने सुध, बस मदद के मिले आश्वासन,
हनुमानगढ़. जिले की भादरा तहसील के गांव चिडिय़ा गांधी के छोटूराम नोखवाल (48) को जिंदगी अनोखे रंग दिखा रही है। परिवार के कमाऊ पूतों की रीढ़ की हड्डी टूट जाने से वे चारपाई पर हैं और परिवार की स्थिति भूखों मरने जैसी है। छोटूराम के साथ उनके बड़े पुत्र बजरंग सिंह की भी रीढ़ की हड्डी हादसे में टूट चुकी है। दोनों के इलाज पर परिवार की जमा पूंजी खर्च हो चुकी है। अब इलाज के साथ पेट भरने तक की समस्या खड़ी हो चुकी है। हालांकि इस परिवार को मदद के आश्वासन तो खूब मिले। मगर सहायता कहीं से नहीं मिली।
जानकारी के अनुसार 27 सितम्बर 2013 को अपने खेत में ट्यूबवैल ठीक करते समय कुंए में गिरने से छोटूराम की रीढ़ की हड्डी टूट गई। उनका उपचार सिरसा के निजी अस्पताल में कई माह तक चला। इसके बाद परिजनों ने उनका का हिसार व जयपुर में भी उपचार कराया। 2013 से अब तक निरन्तर छोटूराम की दवा चल रही है। उनके नाम मात्र छह बीघा भूमि है जिससे परिवार का पालन-पोषण भी बड़ी मुश्किल से हो पाता है। घर में कुल आठ सदस्य खाने वाले हैं। छोटूराम का राशन कार्ड खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल है। इसके अलावा अन्य कोई सहायता इस परिवार को सरकार से नहीं मिली है।
टूटी बेटे की कमर
परिवार के मुखिया की कमर टूटने व उसके इलाज के खर्च से परिवार संभला भी नहीं था कि घर के जवान बेटे की कमर भी हादसे में टूट गई। छोटूराम के बड़े पुत्र बजरंग सिंह की 27 सितम्बर 2018 को हिसार में निर्माणाधीन मकान की सेट्रिंग करते समय हादसे में रीढ़ की हड्डी टूट गई। इस हादसे के बाद तो मानो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। छोटूराम के तीन पुत्र बजरंग सिंह, कोहर सिंह व चन्द्रपाल सिंह हैं। हादसे के बाद बजरंग सिंह का उपचार हिसार के महात्मा गांधी अस्पताल में कराया गया। उनके दो बच्चे हैं।
मदद नहीं मिलने से नाराज
पिता व पुत्र के इलाज के लिए परिवार वालों ने अपनी सारी जमा पूंजी गंवा दी। छोटूराम व उनका परिवार अब तक किसी तरह की सहायता राशि नहीं मिलने से नाराज हैं। दोनों पिता-पुत्र को धूप-छांव में करने के लिए भी दो जनों की आवश्यकता पड़ती है। इनकी जिंदगी अब दूसरों के भरोसे रह गई है। ऐसे में इन पर आश्रित परिजनों का भविष्य अंधकार में है। पूर्व विधायक संजीव बेनीवाल, विधायक बलवान पूनिया, सरपंच आदि छोटूराम के घर आए तथा मदद दिलाने का आश्वासन दिया। मगर अब तक मदद नहीं मिली है। पीडि़त परिवार के सुभाषचन्द्र ने बताया कि छोटूराम केवल व्हील चैयर पर कुछ दूरी तक जा सकते हैं। परन्तु बजरंग सिंह तो चारपाई से हिल भी नहीं सकता। उसकी कमर के नीचे का हिस्सा बिल्कुल काम नहीं कर रहा है।
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