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एसपी ऑफिस में जहर गटकने वाले युवक की हालत खतरे से बाहर, अब तक नहीं हो सके बयान

locationहनुमानगढ़Published: Mar 19, 2019 10:56:33 am

Submitted by:

adrish khan

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hanumangarh sp office ki ghatna

एसपी ऑफिस में जहर गटकने वाले युवक की हालत खतरे से बाहर, अब तक नहीं हो सके बयान

एसपी ऑफिस में जहर गटकने वाले युवक की हालत खतरे से बाहर, अब तक नहीं हो सके बयान
– जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती
– जेब से मिले सुसाइड नोट में ससुराल पक्ष पर लगाया था प्रताडऩा का आरोप
हनुमानगढ़. पारिवारिक क्लेश के चलते एसपी कार्यालय में जहर गटकने वाले युवक की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। हालांकि जंक्शन पुलिस ने मंगलवार सुबह उसके बयान लेने गई। मगर वह अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। इस कारण पुलिस उसके बयान नहीं ले सकी। युवक का जिला अस्पताल के आईसीयू में उपचार चल रहा है। गौरतलब है कि जंक्शन की हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी रोहित धौंसी (30) पुत्र प्रीतम सिंह धौंसी सोमवार दोपहर करीब बारह बजे जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचा। एसपी से मिलने के बाद गुस्से से चिल्लाते हुए कहा कि पुलिस उसकी सुनवाई नहीं कर रही है। सुसराल वाले उसे प्रताडि़त कर रहे हैं। अब मरने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है। इतना कहकर एसपी कार्यालय में सीढिय़ों के पास साथ लाई शीशी में भरा तरल पदार्थ गटक लिया। जब तक पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते युवक जहर गटक कर लुढ़क गया। उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। अभी इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है।
जेब में सुसाइड नोट
युवक रोहित धौंसी की जेब से चार पेज का सुसाइड नोट मिला। उसमें लिखा था कि उसकी शादी पंजाब के बठिंडा की रहने वाली मंजू से दस वर्ष पूर्व हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी पत्नी उसे ब्लैकमेल कर रही है। झूठा केस दर्ज करवा देती है। उसके इस कार्य में ससुराल पक्ष के अन्य लोग भी साथ देते हैं। उसका बड़ा भाई पंजाब पुलिस में है तथा दूसरा रेलवे में है। दोनों ही अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। वे पुलिस की धौंस दिखाकर पैसों के लिए ब्लैकमेल करते हैं। ससुराल पक्ष के लोगों ने उसके खिलाफ बठिंडा कोर्ट में घरेलू हिंसा का केस कर रखा है। उनकी डिमांड इतनी अधिक है कि वह पूरी नहीं कर सकता। सुसाइड नोट के अंतिम पेज पर युवक ने एसपी से गुहार लगाते हुए लिखा कि मैं हाऊसिंग बोर्ड में रहता हूं। मेरी सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है। आज तक पीड़ा झेलता रहा। अब और नहीं सह सकता। जिंदा ना सही तो मरने के बाद ही मुझे इंसाफ दिलवा देना। खाकी वर्दी इंसाफ दिलाने के लिए होती है, ब्लैकमेलिंग के लिए नहीं। मैं खुद ऐसा करने में शर्मिंदगी महसूस करता हूं। लेकिन पत्नी और ससुरालवाले मुझे जीने नहीं दे रहे।
बिना शिकायत दिए किया
इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत का कहना है कि रोहित धौंसी नामक युवक ने पहले कभी उनको किसी तरह की शिकायत नहीं दी। सोमवार को भी उसने कोई शिकायत वगैरह नहीं दी। आते ही बोला कि जहर पी रहा हूं। इतना कहकर बाहर चला गया। पुलिस जवानों ने उसे रोकने का प्रयास किया। मगर तब तक वह तरल पदार्थ गटक चुका था। मामले की जांच करवाई जा रही है। युवक के होश में आने पर बयान आदि की कार्रवाई की जाएगी।

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