कोर्ट ने कहा, ‘दवा का बढ़ता नशा देश के लिए रोग, दोषी से नहीं बरती जा सकती नरमी’
हनुमानगढ़Published: Nov 16, 2018 11:31:53 am
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कोर्ट ने कहा, ‘दवा का बढ़ता नशा देश के लिए रोग, दोषी से नहीं बरती जा सकती नरमी’
कोर्ट ने कहा, ‘दवा का बढ़ता नशा देश के लिए रोग, दोषी से नहीं बरती जा सकती नरमी’
– नशीली दवा तस्करी के दोषी को 15 साल कैद
– विशिष्ट न्यायालय एनडीपीएस का फैसला
हनुमानगढ़. दवा का नशे के रूप में बढ़ता इस्तेमाल समाज व देश को रोगग्रस्त कर रहा है। इसकी तस्करी करने वाले दोषियों से नरमी नहीं बरती जा सकती। हनुमानगढ़ जिले में नशीली दवा तस्करी की समस्या बहुत गंभीर रूप ले चुकी है। विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस मसरूरआलम खान ने गुरुवार को नशीली दवा तस्करी के मामले में फैसला सुनाते हुए उक्त टिप्पणी की। करीब दो साल पुराने मामले में एक जने को नशीली दवाइयों की तस्करी का दोषी करार देते हुए उसे 15 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।
साथ ही डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी ठोका जो अदा नहीं करने पर दोषी को एक साल अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक जाकिरहुसैन कायमखानी ने 54 दस्तावेज तथा 15 गवाह कोर्ट के समक्ष पेश किए। जबकि बचाव पक्ष चार गवाह ही पेश कर सका। दोषी करार दिया गया पवन कुमार सिंधी पुत्र केवलकृष्ण सिंधी निवासी जंक्शन इस मामले में गिरफ्तारी के दिन से ही न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है। उसकी कोर्ट ने जमानत मंजूर नहीं की।
15000 टेबलेट की थी जब्त
प्रकरण के अनुसार 28 अक्टूबर 2016 को जंक्शन थाने के तत्कालीन प्रभारी रणवीर मीणा ने मुखबिर की सूचना पर सिविल लाइन इलाके में अबोहर बाइपास के पास नाकाबंदी की। तभी पुलिस को कार्टन लेकर एक युवक आता दिखा। संदिग्ध लगने पर पूछताछ की तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। कार्टन की तलाशी ली तो एल्प्राजोलाम की 15000 टेबलेट बरामद हुई। युवक की पहचान पवनकुमार सिंधी पुत्र केवलकृष्ण सिंधी निवासी जंक्शन के रूप में हुई। आरोपित के पास दवा के भंडारण व विक्रय के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं मिला। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21, 22 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच कर चालान पेश किया। कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।