मृतक ने कटाया चालान, बैंक में जमा कराया व ट्रैजरी से लिए स्टाम्प
हनुमानगढ़Published: Jan 13, 2019 11:58:51 am
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मृतक ने कटाया चालान, बैंक में जमा कराया व ट्रैजरी से लिए स्टाम्प
मृतक ने कटाया चालान, बैंक में जमा कराया व ट्रैजरी से लिए स्टाम्प
– मामले की जांच व कार्यवाही की मांग पर कलक्टर व एसपी को सौंपे ज्ञापन
हनुमानगढ़. रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मियों से मिलकर कथित गड़बड़झाले व कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। परिवादी रीटा सोनी ने सोमवार को जिला कलक्टर तथा एसपी को कार्यवाही की मांग को लेकर अलग-अलग प्रार्थना पत्र सौंपे। इनमें कलक्टर से ट्रैजरी कार्यालय में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए जांच व संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की मांग की गई। जबकि एसपी से मामले की शीघ्र जांच की मांग की गई। इस संबंध में जरिए इस्तगासा पहले से रजिस्ट्रार कार्यालय के कार्मिकों तथा कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है। वर्तमान में सुषमा रानी, उसके पति महेन्द्रपाल, गवाह सत्यप्रकाश से जुड़े मामले में विविध अपराधिक निगरानी याचिका हाईकोर्ट में लम्बित है।
ज्ञापन में बताया कि हाईकोर्ट में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दस्तावेज एकत्र के दौरान सामने आया कि 1992 में हरिचंद्र के नाम से स्टाम्प खरीदा गया। इसका चालान ट्रैजरी कार्यालय में कटाया गया जो कार्यालय के रजिस्टर में क्रमांक 215 पर दर्ज है। जबकि जिस हरिचंद्र के नाम से स्टाम्प खरीद, चालान कटाना दर्शाया गया है, उसकी मौत 1985 में ही हो चुकी थी। इस चालान का भुगतान में बैंक में कराया गया। इसके लिए हरिचंद को स्वयं पेश होना था। मगर बैंक कर्मचारियों से मिलीभगती कर हरिचंद्र के स्थान पर अन्य व्यक्ति से चालान भरवा कर कोषाधिकारी कार्यालय से चंद्रपाल पुत्र हरिचंद्र के नाम से स्टाम्प जारी कराए गए। यह कोषाधिकारी कार्यालय के 17 जून 1992 के रजिस्टर में क्रमांक 590 पर दर्ज है। मगर उक्त रजिस्टर में किसी भी व्यक्ति के हस्ताक्षर नहीं है। इसके बाद इन स्टाम्प का उपयोग रजिस्ट्रार कार्यालय हनुमानगढ़ में जनरल मार्केट टाउन स्थित भूखंड की रजिस्ट्री में हुआ। इस संबंध में जांच, दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है।
मामला भी दर्ज
गौरतलब है कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय, हनुमानगढ़ में दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का एक मामला 19 दिसम्बर को जरिए इस्तगास जंक्शन थाने में दर्ज किया गया था। उक्त प्रकरण इसी से जुड़ा हुआ है। इसमें जंक्शन निवासी रीटा सोनी ने सुषमा रानी, उसके पति सहित कई जनों पर भूखंड की अपने पक्ष में धोखाधड़ी से रजिस्ट्री कराने का आरोप लगाया था। आरोप था कि उच्च न्यायालय में एसबी विविध अपराधिक निगरानी याचिका के रूप में लम्बित है। धोखाधड़ीपूर्वक रजिस्ट्री कराने के बाद आरोपितों ने भविष्य में कार्यवाही से बचने के लिए सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की। ना केवल कूटरचित दस्तावेज तैयार किए बल्कि विभिन्न न्यायालयों में उनका उपयोग कर न्यायिक प्रक्रिया में लाभ लेने का प्रयास भी किया।