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फर्जीवाड़े से कर्जमाफी करवाने वालों को विभाग सिखाएगा सबक

locationहनुमानगढ़Published: Nov 21, 2019 11:25:15 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत कर ऋण माफी का लाभ लेने वाले कार्मिकों के खिलाफ सरकार अब सख्ती अपनाने जा रही है। इनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक को अवगत करवाया है।
 

फर्जीवाड़े से कर्जमाफी करवाने वालों को विभाग सिखाएगा सबक

फर्जीवाड़े से कर्जमाफी करवाने वालों को विभाग सिखाएगा सबक

फर्जीवाड़े से कर्जमाफी करवाने वालों को विभाग सिखाएगा सबक
-डर के चलते डकारी गई राशि जमा करवाने की फिराक में जुटे कुछ कार्मिक
-केंद्रीय सहकारी बैंक स्तर पर ऐसे कार्मिकों को चिन्हित करने का काम शुरू
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हनुमानगढ़. झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत कर ऋण माफी का लाभ लेने वाले कार्मिकों के खिलाफ सरकार अब सख्ती अपनाने जा रही है। इनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक को अवगत करवाया है। हाल ही में जारी किए गए निर्देश में बताया गया है कि विभाग की जानकारी में आया है कि राजस्थान फसली ऋण माफी योजना २०१८ तथा राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना २०१९ में सहकारिता विभाग के कर्मचारियों की ओर से तथ्यों को छिपाकर गलत शपथ पत्र प्रस्तुत कर ऋण माफी का लाभ ले लिया गया है। जबकि योजना के प्रावधानों में यह स्पष्ट निर्देश थे कि राज्य व केंद्र सरकार के वेतनभोगी कार्मिकों एवं नेगेटिव लिस्ट वर्णित अन्य कार्मिकों को इस योजना की परिधि से बाहर रखा जाए। स्पष्ट निर्देश जारी करने के बावजूद प्रदेश के कई बैंकों में नियम विरुद्ध तरीके से कर्जमाफी का लाभ उठाने का मामला सामने आने के बाद अब रजिस्ट्रार ने सभी बैंक के एमडी को कर्जमाफी मामले की जांच करवाने का निर्देश दिया है। अब ऐसे कार्मिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। इसी क्रम में झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत कर ऋण माफी का लाभ लेने वाले कार्मिकों की सूचना संकलित कर इनकी सूची १५ दिवस में मुख्यालय भिजवाने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ के एमडी ने इनकी सूचना तैयार करवाने के लिए संबंधित बैंकों के प्रबंधकों को निर्देशित कर दिया है। दूसरी तरफ कार्रवाई से बचने के लिए कुछ कार्मिकों की ओर से नियम विरुद्ध तरीके से कर्जमाफी के नाम पर डकारी गई रकम को जमा करवाने की बातें भी सामने आ रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार बनने पर फरवरी २०१९ में राज्य में शुरू की गई कर्जमाफी योजना के तहत हनुमानगढ़ में ८७९०० किसानों का ३३८ करोड़ का फसली ऋण माफ किया गया। वहीं करीब सात सौ किसानों के आधार प्रमाणन नहीं होने के कारण इनकी कर्जमाफी नहीं हो सकी थी। अपात्र लोगों के खिलाफ सख्ती करने के साथ ही सहकारिता विभाग ने अब वंचित पात्र किसानों को राहत प्रदान करने के लिए नियमों में छूट देते हुए अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी है। इससे भविष्य में पात्र किसानों की कर्जमाफी हो सकेगी। जबकि फर्जीवाड़ा करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
३३८ करोड़ का कर्जमाफ
ऋण माफी योजना के तहत हनुमानगढ़ जिले में वर्ष २०१९ में ८७९०० किसानों का ३३८ करोड़ का फसली ऋण माफ किया गया। केंद्रीय सहकारी बैंक से करीब एक लाख किसान जुड़े हुए हैं। कर्जमाफी के बाद विभाग के पास ऐसी शिकायतें गई कि कुछ अपात्र लोगों के साथ ही कुछ अपात्र कार्मिकों ने भी कर्जमाफी का लाभ उठा लिया। इसकी जांच में अब विभागीय टीम जुटी हुई है।
२१५ समितियां कर रही कार्य
जिले में २१५ ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से बैंक कारोबार कर रहा है। हर वर्ष इन समितियों के माध्यम से केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ करोड़ों का कारोबार करता है। इसमें ऋण वितरण व वसूली का कार्य अहम है। बैंक के कार्यवाहक एमडी व सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार अमीलाल सहारण के अनुसार नियम विरुद्ध तरीके से कर्जमाफी का लाभ उठाने वाले कार्मिकों की सूचना तैयार कर रहे हैं। निर्धारित समय में सूचना मुख्यालय भिजवाकर कार्रवाई करेंगे।
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