लाइसेंस नहीं होना चालक-मालिक को पड़ा भारी
हनुमानगढ़Published: Feb 21, 2019 09:38:26 pm
https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
लाइसेंस नहीं होना चालक-मालिक को पड़ा भारी
लाइसेंस नहीं होना चालक-मालिक को पड़ा भारी
– बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति दावे से किया मुक्त
– मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरण का फैसला
हनुमानगढ़. अगर आप वाहन का बीमा करवा कर सुनिश्चत हैं कि हादसे की स्थिति में क्षतिपूर्ति का दावा संबंधित बीमा कंपनी को ही झेलना पड़ेगा तो चेत जाए। क्योंकि बीमित वाहन के चालक के पास अगर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है या उसमें किसी तरह की तकनीकी व वैधानिक दिक्कत है तो क्षतिपूर्ति की राशि चालक के साथ वाहन मालिक को भी भुगतनी होगी। ऐसे ही एक प्रकरण में गुरुवार को मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी ज्ञानप्रकाश गुप्ता ने फैसला सुनाया। इसमें वाहन का बीमा करने वाली कंपनी एचडीएफसी अरगो को दावे से मुक्त करते हुए वाहन के चालक व मालिक को पांच लाख दो रुपए ब्याज सहित हादसे में घायल के परिजनों को देने का आदेश दिया।
प्रकरण के अनुसार पांच जून 2013 को बालिका पूजा खेत में मिट्टी से खेल रही थी। ट्रैक्टर चालक मदनलाल ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए बालिका को टक्कर मारी। इससे बालिका का पैर घुटने से नीचे कट गया तथा वह गंभीर घायल हो गई। इस संबंध में बालिका के पिता बुधराम पुत्र श्योकरण ने पीलीबंगा थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने ट्रैक्टर चालक के खिलाफ चालान पेश किया। क्षतिपूर्ति के लिए घायल बालिका के पिता ने न्यायालय में दावा पेश किया। पुलिस जांच में सामने आया कि ट्रैक्टर चालक के पास वाहन संचालन का कोई लाइसेंस ही नहीं था। ऐसे में कोर्ट ने बीमा कंपनी को दावे से मुक्त कर दिया तथा वाहन चालक विनोद कुमार व मालिक दलीप कुमार को संयुक्त रूप से क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदार माना। आदेश दिया कि दोनों पांच लाख दो रुपए की राशि 27 नवम्बर 2014 से वसूली तक नौ प्रतिशत ब्याज की दर से पीडि़त बालिका के पिता को भुगतान करे। बीमा कंपनी की पैरवी करने वाले एडवोकेट नितिन छाबड़ा ने बताया कि बिना लाइसेंस वाहन का संचालन कानूनी तौर पर अपराध है। इस स्थिति में वाहन का बीमा होने के बावजूद बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाता। कानून का उल्लंघन करने वाले चालक व वाहन मालिक ही क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदार होते हैं।