अप्रैल २०१९ में इंदिरागांधी नहर में हुए रीलाइनिंग कार्य में कथित भ्रष्टाचार मामले के कारण यह काफी सुर्खियों में रहा। जल संसाधन व वित्त विभाग दोनों सीएम अशोक गहलोत के पास होने के कारण विपक्ष ने इसे मुद्दा भी बनाया। एसीबी की ओर से गत माह सात अभियंताओं के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया। भाजपा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भ्रष्टाचार मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत कर अप्रैल २०१९ में हुए रीलाइनिंग के दौरान अभिंयताओं पर अमानक तरीके से कार्य करके सरकार को करीब डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान पहुंंचाने का आरोप लगाया है। इस मामले में एसीबी ने हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर कार्यालय के सात अभियंताओं व दो ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इंदिरागांधी नहर से प्रदेश के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुंनू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित अन्य जिलों को जलापूर्ति होती है। इस स्थिति में इस नहर की रीलाइनिंग होने पर इसका लाभ प्रदेश के करीब दस जिलों को मिल सकेगा। प्रदेश में चार से पांच हजार करोड़ के बीच नहरी क्षेत्रों से कृषि क्षेत्र में उत्पादन का कार्य हो रहा है। इस तरह यह नहर प्रदेश के इन जिलों के लिए जीवनदायिनी मानी जाती है।
इंदिरागांधी मुख्य नहर में हुए रीलाइनिंग कार्य के सैम्पल की एफएसएल रिपोर्ट में कार्य को मापदंड के अनुसार नहीं मानते हुए विभाग के कुछ अधिकारियों के खिलाफ एसीबी में एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्य अभियंता ने बताया कि कैमिकल और अन्य की गुणवत्ता को लेकर जिस तरह से कार्य को अमानक बताया गया है, इस बारे में मुख्यालय विचार कर रहा है। नहरबंदी में निर्धारित समय में काम पूरे करने होते हैं, इसलिए स्टें्रथ टेस्टिंग ही अहम होता है। अभियंताओं का कहना है कि मापदंडों के अनुसार कार्य करने के बावजूद एसीबी की ओर से अन्य तरीके से सीमेंट आदि की गणना कर कार्रवाई करना उचित नहीं है। ऐसी परिस्थिति में आगामी बंदी में काम करना संभव नहीं होगा।
-क्लोजर के दौरान ३७ पैकेज में रीलाइनिंग के कार्य होने हैं।
-क्लोजर कार्य को लेकर १५२.०९ करोड़ का बजट मंजूर हुआ है।
-बंदी अवधि में ४३ किलोमीटर में रीलाइनिंग का होगा काम।
-मरम्मत कार्य को लेकर ७० दिन की ली जाएगी बंदी।
समन्वय से पूरे होंगे काम
कुछ आरडी के टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। बचे कार्यों के रीटेंडर ११ फरवरी २०२० को होंगे। इस संबंध में सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। अभियंताओं ने एसीबी में दर्ज मामलों को लेकर जो बातें कही थी, उससे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। समन्वय से बंदी अवधि में मरम्मत कार्य करवाने का प्रयास जारी है।
विनोद कुमार मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़