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डर ऐसा कि अफसर, ठेकेदार सब हट रहे पीछे, नहरबंदी में होने वाली रीलाइनिंग कार्य की उलझनों को दूर करने में जुटी सरकार

locationहनुमानगढ़Published: Feb 10, 2020 12:17:14 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में अप्रैल-मई में ७० दिन की बंदी होने वाली है। इस अवधि में करीब ४३ किलोमीटर क्षेत्र में रीलाइनिंग का कार्य प्रस्तावित है। लेकिन स्थिति यह है कि अभी तक जल संसाधन विभाग ने टेंडर आदि की प्रक्रिया ही पूरी नहीं की है।
 

डर ऐसा कि अफसर, ठेकेदार सब हट रहे पीछे, नहरबंदी में होने वाली रीलाइनिंग कार्य की उलझनों को दूर करने में जुटी सरकार

डर ऐसा कि अफसर, ठेकेदार सब हट रहे पीछे, नहरबंदी में होने वाली रीलाइनिंग कार्य की उलझनों को दूर करने में जुटी सरकार

डर ऐसा कि अफसर, ठेकेदार सब हट रहे पीछे, नहरबंदी में होने वाली रीलाइनिंग कार्य की उलझनों को दूर करने में जुटी सरकार
-एसीबी की ओर से पहले हुए कामों पर सवाल उठाने के बाद मचा बवाल

हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में अप्रैल-मई में ७० दिन की बंदी होने वाली है। इस अवधि में करीब ४३ किलोमीटर क्षेत्र में रीलाइनिंग का कार्य प्रस्तावित है। लेकिन स्थिति यह है कि अभी तक जल संसाधन विभाग ने टेंडर आदि की प्रक्रिया ही पूरी नहीं की है। एसीबी के डर से पहले अफसरों ने कार्य करवाने को लेकर पीछे हटने की चेतावनी दी तो, बाद में कुछ ठेकेदारों ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए। इस स्थिति में नहर के कुछ हिस्से को लेकर टेंडर आदि की प्रक्रिया पूर्ण होगी या नहीं, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मरम्मत प्रोजेक्ट के तहत पांच-छह आरडी तो ऐसी हैं, जिनके टेंडर गत माह निकाले गए थे, लेकिन ठेकेदार पीछे हट गए। साथ ही कुछ में अफसरों ने कमियां निकाल दी। अब अधिकारियों ने नहर के कुछ अहम हिस्सों में मरम्मत कार्य करवाने को लेकर रीटेंडर की प्रक्रिया शुरू की है।
इसकी प्रक्रिया ११ फरवरी २०२० को पूर्ण होने की संभावना है। टेंडर की प्रक्रिया बीच में लटकने के पीछे एक कारण एसीबी की ओर से गत बंदी में हुए निर्माण कार्य पर सवालिया निशान लगाया जाना माना जा रहा है। क्योंकि एसीबी ने जो मामला दर्ज किया है, उसमें अफसर और ठेकेदार दोनों निशाने पर हैं। इस स्थिति में निर्माण को लेकर ठेकेदारों के सामने एसीबी और विभागीय नियम को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है। हालांकि उच्च स्तर पर स्थिति साफ करने की कोशिशें लगातार जारी रखकर टेंडर की प्रक्रिया पूरी करवाने के प्रयास चल रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार क्लोजर के दौरान ३७ पैकेज में रीलाइनिंग के कार्य होने हैं। इसके लिए १५२.०९ करोड़ का बजट मंजूर हुआ है। वर्तमान में इंदिरागांधी नहर की लाइनिंग जगह-जगह से जर्जर हो चुकी है। इसके कारण मानसून सीजन में भी राजस्थान को सर प्लस पानी का लाभ नहीं मिल पाता है। रीलाइनिंग के कार्य पूरे होने पर जहां मानसून सत्र में सरप्लस पानी का उपयोग राजस्थान के किसान कर सकेंगे, वहीं रूटीन में भी प्रदेश को तय हिस्से के अनुसार नहरी पानी मिल सकेगा।
डर का यह कारण
अप्रैल २०१९ में इंदिरागांधी नहर में हुए रीलाइनिंग कार्य में कथित भ्रष्टाचार मामले के कारण यह काफी सुर्खियों में रहा। जल संसाधन व वित्त विभाग दोनों सीएम अशोक गहलोत के पास होने के कारण विपक्ष ने इसे मुद्दा भी बनाया। एसीबी की ओर से गत माह सात अभियंताओं के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया। भाजपा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भ्रष्टाचार मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत कर अप्रैल २०१९ में हुए रीलाइनिंग के दौरान अभिंयताओं पर अमानक तरीके से कार्य करके सरकार को करीब डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान पहुंंचाने का आरोप लगाया है। इस मामले में एसीबी ने हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर कार्यालय के सात अभियंताओं व दो ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इन जिलों को जलापूर्ति
इंदिरागांधी नहर से प्रदेश के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुंनू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित अन्य जिलों को जलापूर्ति होती है। इस स्थिति में इस नहर की रीलाइनिंग होने पर इसका लाभ प्रदेश के करीब दस जिलों को मिल सकेगा। प्रदेश में चार से पांच हजार करोड़ के बीच नहरी क्षेत्रों से कृषि क्षेत्र में उत्पादन का कार्य हो रहा है। इस तरह यह नहर प्रदेश के इन जिलों के लिए जीवनदायिनी मानी जाती है।
अभियंता खड़े कर चुके हाथ
इंदिरागांधी मुख्य नहर में हुए रीलाइनिंग कार्य के सैम्पल की एफएसएल रिपोर्ट में कार्य को मापदंड के अनुसार नहीं मानते हुए विभाग के कुछ अधिकारियों के खिलाफ एसीबी में एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्य अभियंता ने बताया कि कैमिकल और अन्य की गुणवत्ता को लेकर जिस तरह से कार्य को अमानक बताया गया है, इस बारे में मुख्यालय विचार कर रहा है। नहरबंदी में निर्धारित समय में काम पूरे करने होते हैं, इसलिए स्टें्रथ टेस्टिंग ही अहम होता है। अभियंताओं का कहना है कि मापदंडों के अनुसार कार्य करने के बावजूद एसीबी की ओर से अन्य तरीके से सीमेंट आदि की गणना कर कार्रवाई करना उचित नहीं है। ऐसी परिस्थिति में आगामी बंदी में काम करना संभव नहीं होगा।
……फैक्ट फाइल……
-क्लोजर के दौरान ३७ पैकेज में रीलाइनिंग के कार्य होने हैं।
-क्लोजर कार्य को लेकर १५२.०९ करोड़ का बजट मंजूर हुआ है।
-बंदी अवधि में ४३ किलोमीटर में रीलाइनिंग का होगा काम।
-मरम्मत कार्य को लेकर ७० दिन की ली जाएगी बंदी।
…..वर्जन…..
समन्वय से पूरे होंगे काम
कुछ आरडी के टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। बचे कार्यों के रीटेंडर ११ फरवरी २०२० को होंगे। इस संबंध में सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। अभियंताओं ने एसीबी में दर्ज मामलों को लेकर जो बातें कही थी, उससे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। समन्वय से बंदी अवधि में मरम्मत कार्य करवाने का प्रयास जारी है।
विनोद कुमार मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़
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