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कर्मचारियों का बुढ़ापे का सहारा छीना सरकार ने, ओल्ड पेंशन थी बुढ़ापे की लाठी जैसी

locationहनुमानगढ़Published: Feb 14, 2019 11:42:52 am

Submitted by:

adrish khan

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कर्मचारियों का बुढ़ापे का सहारा छीना सरकार ने, ओल्ड पेंशन थी बुढ़ापे की लाठी जैसी

कर्मचारियों का बुढ़ापे का सहारा छीना सरकार ने, ओल्ड पेंशन थी बुढ़ापे की लाठी जैसी
– पुरानी पेंशन योजना जो बहाल करेगा उसे लोकसभा चुनाव में देंगे समर्थन
हनुमानगढ़. नेशनल मूवमेंट फोर ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान पर एनपीएस बंद कर जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर जिले भर के सैकड़ों कर्मचारी कलक्ट्रेट के समक्ष जुटे। धरना लगाकर विरोध प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपे। इनमें कर्मचारियों ने कहा कि जो पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगा, उसे कर्मचारी समर्थन देंगे। अनदेखी करने वालों को अब कर्मचारी बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।
इससे पूर्व धरना स्थल पर नारेबाजी कर पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग की गई। इस दौरान सभा में वक्ताओं ने कहा कि कर्मचारी पूरी जिंदगी राजकीय सेवा में लगाता है। जब वह सेवानिवृत्त होता है तो पेंशन के नाम पर उसे केवल डर मिलता है। क्योंकि नई पेंशन स्कीम पूर्णत: बाजार के हवाले है। अगर तुलनात्मक रूप से कहा जाए तो यह पुरानी पेंशन योजना के आसपास भी नहीं है। जब आईएएस, नेता आदि को पुरानी पेंशन के तहत ही लाभ दिए जा रहे हैं तो कर्मचारियों से क्यों नई पेंशन के नाम पर ठगी की जा रही है। पुरानी पेंशन स्कीम कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे का सहारा जैसी थी, उनकी लाठी थी। मगर सरकार ने इसे बाजार के हवाले कर कार्मिकों की बुढ़ापे की लाठी तोडऩे जैसा काम किया है।
वक्ताओं ने कहा कि एनपीएस वास्तव में पेंशन योजना नहीं होकर एक म्यूचुअल फंड योजना है। इसमें जमा किए गए अंशदान के प्रतिफल की कोई गारंटी नहीं है। यह शेयर बाजार पर आधारित होने के कारण कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वृद्धावस्था में आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की कोई गारंटी नहीं देती है। साथ ही इसमें न्यूनतम पेंशन का भी कोई प्रावधान नहीं है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभा में नेशनल मूवमेंट फोर ओल्ड पेंशन स्कीम के जिला संयोजक हरिकिशन घसोलिया, जिला सह संयोजक काशी सिराव, ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश खीचड़, संयुक्त कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष रामरतन भारी, नर्सिंग एसोसिएशन के पूर्व जिला अध्यक्ष गुगनराम सहारण, पटवार संघ के तहसील अध्यक्ष सुभाष जांगिड़, कृषि पर्यवेक्षक संघ जिलाध्यक्ष जगदीश दूधवाल, शिक्षक संघ अम्बेडकर के जिला महामंत्री मनसुखजीतसिंह बंगा, मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत शर्मा, रेसला के सभाध्यक्ष लक्ष्मीकांत स्वामी आदि ने संबोधित किया। धरना प्रदर्शन में जसवंत गोदारा, जयनारायण न्योल, आत्माराम बिश्नोई, राजकुमार बानिया, महेंद्र सिंह,राकेश भार्गव, दौलतराम सहारण, अनिल सहारण, जयसिंह नोखवाल, जोगेंद्र मोठसरा, ओमप्रकाश रेप्सवाल, बेगराज खोत, संजय धारणिया, महिला ब्लॉक अध्यक्ष अनुपमा दैया, उपाध्यक्ष मीना डोटासरा, मंजू देवी, ममता जांगीड़, सचिव प्रमिला भिड़ासरा, अंकुश सहारण आदि मौजूद रहे।
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