हर समय रक्तदान के लिए तैयार रहने वाले संगठन के पदाधिकारियों को किया सम्मानित
हर समय रक्तदान के लिए तैयार रहने वाले संगठन के पदाधिकारियों को किया सम्मानित
- टाउन के अग्रसेन भवन में आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों ने किया जागरूक
हनुमानगढ़
Published: March 21, 2022 10:06:46 pm
हनुमानगढ़. टाउन के अग्रसैन भवन में जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने रक्तदान, हीमोफिलिया व थेलेसिमिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. राजविंद्र कौर ने की। डॉ. कौर ने कार्यक्रम संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में रक्तदान को लेकर युवा जागरूक हो चुका है। खास बात यह है कि ब्लड बैंक में खून की कमी होने की सूचना मिलते ही स्वेच्छिक रक्तदान करने युवा पहुंच जाते हैं। वेलफेयर करने के लिए इन युवाओं ने संगठन बनाए हुए हैं और व्हाट्सअप ग्रुप भी बना रखे हैं। इन ग्रुप में रक्त की कमी की संबंधित सूचना भेजने पर पांच से दस मिनट में व्यवस्था की जाती है। इसके अलावा इन संगठनों की ओर से समय-समय पर रक्तदान शिविर भी लगाए जाते हैं। कार्यक्रम के दौरान सर्वाधिक रक्तदान करने वाले संगठन के पदाधिकारियों का सम्मान किया गया। इसमें मंत्रालिक कर्मचारियों की ओर से करीब 500 यूनिट रक्तदान किया गया था। इसके लिए विशाल को सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा व पीएमओ डॉ. मुकेश पोटलिया ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। दूसरे नंबर पर रक्तकोष फाउंडेशन के अजय गिरधर को 378 यूनिट रक्तदान करने पर सम्मान किया गया और तीसरे नंबर पर जय मां करणी जनसेवा समिति रणजीतपुरा के डीपी बरोड़ का सम्मान करीब 360 यूनिट रक्तदान करने पर किया गया। डॉ. सुमेश खीचड़ व डॉ. हरविंद्र सिंह ने हीमोफीलिया व थैलेसीमिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हीमोफीलिया आनुवंशिक रोग है जिसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण ये चोट व दुर्घटना में जानलेवा साबित होती है। इन्होंने कहा कि थैलासीमिया बच्चों को माता पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त रोग है। इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है। जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते है। इन बीमारियों के लक्षण व बचाव एवं इन रोगों से किस प्रकार सावधानी बरतनी चाहिए के बारे में विस्तृत जानकारी दी। वक्ताओं ने कहा कि एक रिसर्च के अनुसार करीब 10 हजार में से एक व्यक्ति को ही हीमोफीलिया नाम की बीमारी होती है। यह बीमारी इतनी खतरनाक होती है कि इससे किसी व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। डॉक्टर्स के अनुसार इस बीमारी से पीडि़त कोई व्यक्ति किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसके शरीर से निकलने वाले खून को रोकना काफी मुश्किल हो जाता है, यही वजह है कि लगातार खून बहने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। कार्यक्रम में हीमोफिलिया सोसायटी के सचिव देवीलाल पारीक का भी सम्मान किया गया। हर समय रक्तदान के लिए तैयार रहने वाले युवा अमित बंसल को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में डीसी डॉ. गौरीशंकर, डॉ. नेहरू लाल आसेरी, डॉ. बिजारणिया, डॉ. अमृतपाल सिंह, ब्लड बैंक के राजेंद्र स्वामी,वरिष्ठ नर्सिंग कर्मी बलदेव कुमार आदि मौजूद रहे।

हर समय रक्तदान के लिए तैयार रहने वाले संगठन के पदाधिकारियों को किया सम्मानित
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