शिखर पर रहने को सरकारी पाठशालाओं के पढ़ेसरियों को पिला रहे ‘मिशन शिखर’ की घुट्टी
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शिखर पर रहने को सरकारी पाठशालाओं के पढ़ेसरियों को पिला रहे ‘मिशन शिखर’ की घुट्टी
शिखर पर रहने को सरकारी पाठशालाओं के पढ़ेसरियों को पिला रहे ‘मिशन शिखर’ की घुट्टी
– मिशन मेरिट की तर्ज पर अब हर सरकारी पाठशाला में मिशन मेरिट
– पहले चुनिंदा विद्यार्थियों को कराया जाता था विशेष अध्ययन
हनुमानगढ़. मिशन मेरिट के नवाचार से सरकारी पाठशालाओं का परिणाम सुधार कर चर्चा में आए जिले में अब इस मिशन का विस्तार कर दिया गया है। मिशन मेरिट के जरिए सफलता की इबारत लिखने के बाद इस शिक्षा सत्र में मिशन शिखर शुरू किया गया है। मिशन मेरिट में जहां जिले के चुनिंदा प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ही एक जगह ठहरा कर विशेष अध्ययन कराया जाता था। वहीं अब मिशन शिखर प्रत्येक सरकारी विद्यालय में चलेगा, जहां बोर्ड संबंधी कक्षाओं का संचालन किया जाता है। मतलब अगर सब सही रहा तो सरकारी विद्यालयों का कुल परीक्षा परिणाम प्रतिशत और बेहतर आ सकता है।
मिशन शिखर के तहत निरंतर विद्यालय स्तर पर परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसके लिए तिथि निर्धारित कर दी गई है। परीक्षा में कमजोर परिणाम आने पर विद्यार्थियों को चिह्नित कर उपचारात्मक शिक्षा दी जाएगी। साथ ही कमजोर परिणाम वाले विद्यालयों में भी सुधार को लेकर विशेष कवायद की जाएगी। गौरतलब है कि जिले में शिक्षा सत्र 2016-17 से मिशन मेरिट शुरू किया गया था। इसके बाद जिले के सरकारी विद्यालयों का बोर्ड परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा था। दसवीं बोर्ड में हनुमानगढ़ जिले का कुल परीक्षा परिणाम चार प्रतिशत बढ़ गया था। राज्य में हनुमानगढ़ दूसरे स्थान पर रहा था। यह प्रयास केवल हनुमानगढ़ जिले में ही शुरू किया गया था। चयनित विद्यार्थियों का विशेष कैम्प संगरिया के ग्रामोत्थान विद्यापीठ परिसर में चलाया गया। विशेषज्ञों ने कार्ययोजना बनाकर विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी करवाई। परिणामत: संयुक्त परिश्रम से जिला मेरिट सुधारने के मिशन में कामयाब रहा।
28 तक चलेगी परीक्षा
मिशन शिखर के तहत कक्षा दस तथा बारहवीं के विद्यार्थियों के 28 फरवरी तक टेस्ट होंगे। यह नियमित अंतराल से होंगे। इसके लिए प्रश्न पत्र बोर्ड पैटर्न के आधार पर तैयार कर विद्यालयों में भेजे जाएंगे। जिले के सभी चिह्नित सरकारी विद्यालयों में यह टेस्ट एक साथ होंगे। बोर्ड परीक्षा की तरह तय समय में ही पेपर हल करना होगा।
कमजोर विद्यार्थियों पर ध्यान
मिशन मेरिट में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों पर अपेक्षाकृत ज्यादा ध्यान रहता था। लेकिन मिशन शिखर से कमजोर विद्यार्थियों को भी लाभ होगा। बोर्ड पैटर्न पर नियमित टेस्ट देकर वे बोर्ड परीक्षा के हौव्वे से मुक्त हो जाएंगे। कमजोर विद्यार्थियों को चिह्नित कर अलग से अध्ययन कराने से ओवरऑल परिणाम सुधरने की संभावना रहेगी।
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