रिकॉर्ड नहीं आएगा नए ठिकाने पर, अभिभावक-विद्यार्थी परेशान
हनुमानगढ़Published: Oct 06, 2019 12:01:11 pm
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हनुमानगढ़. डाइट चूनावढ़ के अंतर्गत सम्पन्न कराई गई आठवीं बोर्ड की परीक्षा का रिकॉर्ड हनुमानगढ़ में डाइट शुरू होने के बाद से ही यहां स्थानांतरित करने की मांग निरंतर उठती रही है। इस संबंध में समय-समय निजी स्कूल संचालकों ने ज्ञापन वगैरह भी सौंपे हैं।
रिकॉर्ड नहीं आएगा नए ठिकाने पर, अभिभावक-विद्यार्थी परेशान
रिकॉर्ड नहीं आएगा नए ठिकाने पर, अभिभावक-विद्यार्थी परेशान
– आठवीं बोर्ड परीक्षा का डाइट चूनावढ़ में हनुमानगढ़ से संबंधित रिकॉर्ड का मामला
हनुमानगढ़. डाइट चूनावढ़ के अंतर्गत सम्पन्न कराई गई आठवीं बोर्ड की परीक्षा का रिकॉर्ड हनुमानगढ़ में डाइट शुरू होने के बाद से ही यहां स्थानांतरित करने की मांग निरंतर उठती रही है। इस संबंध में समय-समय निजी स्कूल संचालकों ने ज्ञापन वगैरह भी सौंपे हैं। मगर डाइट प्रशासन हनुमानगढ़ की माने तो तकनीकी कारणों के चलते ऐसा संभव नहीं है। डाइट चूनावढ़ में श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ का रिकॉर्ड साझा है। उसमें से हनुमानगढ़ का मूल रिकॉर्ड निकाल कर यहां स्थानांतरित करना तकनीकी कारणों के चलते मुश्किल है। ऐसे में डाइट चूनावट से हनुमानगढ़ डाइट में रिकॉर्ड स्थानांतरित की संभावना लगभग समाप्त है।
उधर, स्कूल संचालकों, विद्यार्थियों व अभिभावकों को जब भी दस्तावेज संबंधी आवश्यकता के लिए आठवीं के रिकॉर्ड की जरूरत पड़ती है तो उसे चूनावढ़ जाना पड़ता है। विशेषकर भादरा व नोहर क्षेत्र के लोगों के लिए तो यह दूरी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसमें समय तो नष्ट होता ही है, साथ ही जेब से पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। गौरतलब है कि जब आठवीं बोर्ड परीक्षा शुरू की गई थी तो चूनावढ़ डाइट के अधीन हनुमानगढ़ जिला था। फिर आठवीं से बोर्ड परीक्षा ही बंद कर दी गई। बाद में तो फेल करने पर ही रोक लगा दी गई। इसके बाद पुन: परीक्षा शुरू कर इसे डाइट को सौंप दिया गया। इसे प्राथमिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा का नाम दे दिया गया। मतलब पिछले एक दशक में कई नियम-कायदे बदल गए। मगर पुराना रिकॉर्ड अब भी चूनावढ़ डाइट में ही है।
मांग मगर संभव नहीं
जिला मुख्यालय पर डाइट शुरू हुए एक दशक बीतने को है। पर्याप्त संसाधन भी सरकार ने मुहैया करवा दिए हैं। ऐसे में रिकॉर्ड चूनावढ़ से स्थानांतरण कर यहां मंगवाने की मांग उठती रहती है। स्वयंसेवी शिक्षण संस्था संघ के विजयसिंह चौहान बताते हैं कि रिकॉर्ड स्थानांतरित नहीं होने से सैकड़ों विद्यालय परेशान हैं। समस्या से शिक्षा विभाग व प्रशासन को कई बार अवगत करा चुके हैं। विद्यार्थी हित में रिकॉर्ड जल्दी स्थानांतरित होना चाहिए। इस संबंध में डाइट उप प्राचार्य महेन्द्र शर्मा ने बताया कि रिकॉर्ड स्थानांतरण नहीं हो सकता। तकनीकी कारणों से ऐसा संभव नहीं है।