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राहत के नियम भी अजीब, फसल खराबे के बाद मरहम के लिए करना होगा इंतजार

locationहनुमानगढ़Published: Feb 06, 2023 11:30:27 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. जिले में बीते माह के आखिर में पाळा पडऩे की वजह से रबी की प्रमुख फसल सरसों को काफी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से विशेष गिरदावरी करवाकर नुकसान का आंकलन भी कर लिया गया है। इसमें पांच से तीस प्रतिशत तक फसलों को नुकसान होने की पुष्टि हुई है।
 

राहत के नियम भी अजीब, फसल खराबे के बाद मरहम के लिए करना होगा इंतजार

राहत के नियम भी अजीब, फसल खराबे के बाद मरहम के लिए करना होगा इंतजार

राहत के नियम भी अजीब, फसल खराबे के बाद मरहम के लिए करना होगा इंतजार
-जिले में पाळा पडऩे से रबी की प्रमुख फसल सरसों को हुआ नुकसान
-खराबे की रिपोर्ट तैयार, किसान जल्द मुआवजा जारी करने की कर रहे मांग

हनुमानगढ़. जिले में बीते माह के आखिर में पाळा पडऩे की वजह से रबी की प्रमुख फसल सरसों को काफी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से विशेष गिरदावरी करवाकर नुकसान का आंकलन भी कर लिया गया है। इसमें पांच से तीस प्रतिशत तक फसलों को नुकसान होने की पुष्टि हुई है। मगर किसानों को मिलने वाले मुआवजे के नियम इतने अजीब हैं कि इसका तत्काल लाभ किसानों को मिलना मुश्किल लग रहा है। नियमानुसार संबंधित पूरे चक में 33 प्रतिशत तक खराबा होने पर ही संबंधित किसानों को मुआवजा देय होता है।
किसान के पास चाहे बीस बीघा जमीन हो, उसे फसल खराब होने पर केवल आठ बीघा भूमि में खराबा होने का मुआवजा ही मिलेगा। इसमें प्रति बीघा दो हजार रुपए के हिसाब से मुआवजा देय होता है। फसलों के नुकसान की रिपोर्ट का मूल्यांकन करने के लिए एक फरवरी से नियमित गिरदावरी भी करवाई जा रही है। इसके अलावा क्रॉप कटिंग सर्वे का काम भी होगा। इसके आधार पर फसल बीमा क्लेम देय होगा। राहत देने की प्रक्रिया में काफी वक्त लगने की वजह से किसान परेशान हो रहे हैं। डिजिटल इंडिया का नारा देने वाली सरकारों को चाहिए कि किसानों का फसल खराब होने के तत्काल बाद उन्हें राहत दिलाने की योजना बनाई जाए। जिससे प्राकृतिक आपदा आने पर किसानों को आर्थिक संबल मिल सके।
तहसील वाइज नुकसान के आंकड़े
रबी फसल 2022-23 में पाळा एवं शीतलहर से खराबा होने की वजह से विशेष गिरदावरी करवाने का निर्णय लिया गया। इसकी रिपोर्ट दो दिन पहले ही आई है। इसे संभागीय आयुक्त को भिजवाने की बात अधिकारी कह रहे हैं। खराबा रिपोर्ट के अनुसार हनुमानगढ़ तहसील में सरसों की फसल में 10 से 20 प्रतिशत, पीलीबंगा में सरसों की फसल में पांच से 25 प्रतिशत, संगरिया में सरसों की फसल में दस से बीस प्रतिशत, टिब्बी में सरसों व चने की फसल में दस से बीस प्रतिशत, रावतसर में सरसों में दस से बारह प्रतिशत, पल्लू में सरसों व चने की फसल में दस से बीस प्रतिशत, नोहर में सरसों, गेहूं व चने की फसल में दस से तीस प्रतिशत तथा भादरा में सरसों की फसल में पंद्रह से 20 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान होने की पुष्टि की गई है।
मुआवजा दिलवाने की मांग
हनुमानगढ़ जिले में किसान संगठन लगातार खराबे के अनुपात में मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। गत दिनों सीएम के जिला दौरे के वक्त भी किसानों ने इसकी मांग रखी थी। भादरा क्षेत्र के गांव गांधीबड़ी, चिडिय़ागांधी, सरदारपुरापुरा बास सहित क्षेत्र में पाळा पडऩे से रबी फसलों में नुकसान की आशंका से किसानों में मायूसी है। किसानों की मांग है कि उनको फसलों में नुकसान का मुआवजा शीघ्र दिया जाए। किसानों का आरोप है कि विभाग के अधिकारी केवल कागजों में ही बैठे-बैठे खराबे की रिपोर्ट तैयार कर लेते हैं। उन्हें मौके पर जाकर खराबे का वास्तविक आंकलन करना चाहिए। मुख्य रूप से अगेती सरसों में नुकसान अधिक हुआ है। किसानों ने बताया कि पाळे की वजह से सरसों में दाने काले पड़ गए हैं।
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