राजस्थान को हिस्से का पानी दिलाने के मामले में पंजाब की भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है। इसलिए राजस्थान सरकार ने अब पंजाब के खिलाफ सीधे कानूनी लड़ाई लडऩे का मन बनाया है। बताया जा रहा है कि हक का पानी लेने के लिए राजस्थान सरकार जल्द सुप्रीम कोर्ट में शूट दायर करने जा रही है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में राज्य की तरफ से अधिकृत वकीलों के पैनल से चर्चा कर ली गई है।
ुसुप्रीम कोर्ट जाने के बाद राजस्थान सरकार यदि ०.६ एमएफ पानी की लड़ाई जीत जाती है तो इससे राजस्थान की हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। वर्तमान में असिंचित भूमि को सिंचित करने पर राज्य सरकार ने वर्ष १९९६ से रोक लगा रखी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार राजस्थान में स्थिति यह है कि कुछ वर्ष पहले पानी की कमी चलते हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर व बीकानेर जिले के कुछ क्षेत्रों में भूमि को असिंचित से सिंचित क्षेत्र में बदलने की प्रक्रिया को अचानक रोक दिया गया था। राजस्थान में इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित करीब दस जिलों को जलापूर्ति हो रही है। ऐसे में तय शेयर के अनुसार पानी मिलने पर इन जिलों को सीधे तौर पर फायदा होगा।