इस अवसर पर राजविंदर कौर ने विद्यालय की बालिकाओं के साथ अलग से एवं बाद में कक्षा 10 व 12 के विद्यार्थियों के साथ संयुक्त रुप से विचार साँझा किया। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा कार्यकाल के दौरान कड़े अनुशासन की पालना करनी चाहिए। अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा करें, अपने शिक्षक के सवालों का जवाब जरूर दे ,चाहे आपका उतर गलत भी हो तो घबराये मत ,गलत के बाद ही आप सीखेगें।
समय की पालना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह समय आपके के लिए बहुत अहम है ,जो दुबारा नहीं आयेगा,आप चूक गए तो चूक गए बाद में पश्चाताप के अलावा कुछ नहीं है, आप फिर यही सोचोगे कि काश मैं पढ़ा होता, आपको यह उम्र भर दुख देने वाली बात होगी।
राजविंदर ने ग्रुप डिक्टेशन पर जोर देते हुए कहा कि आप चार पांच जने मिलकर किसी भी टोपिक पर बहस करे आप इससे कुछ ना कुछ जरुर सीखेगें। अंत में उन्होंने कहा कि सपने देखो परंतु छोटे छोटे सपनों से स्टार्ट करो यही उम्र सीखने की है। शिक्षा के मंदिर में आकर आपको केवल शिक्षा पर ही फोकस रखना है।
राजविंदर कौर ने इसी विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। कक्षा आठ में जिला टोपर एवं दसवीं की परीक्षा में वो कस्बे के विद्यालयों में टोपर रही है। जोधपुर में इंजीनियरिंग की शिक्षा के बाद दिल्ली में उन्होंने ने आई इ एस परीक्षा की तैयारी की ओर भारत वर्ष में उसने आठवीं रैंक प्राप्त की।
राजविंदर कौर का चयन भारतीय रेल सेवा में हुआ,वे इन दिनों नासिक में ट्रैनिंग ले रही है।वे दो दिन के अवकाश पर गांव आई तो अपने आप को जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की उस शिक्षा मंदिर को देखने से रोक नहीं पाई।
शिक्षा अधिकारी
अमीलाल राव विद्यालय प्रधानाचार्य चेतन वर्मा आदि ने उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्हें राजस्थानी साफा पगड़ी पहना सम्मानित किया।इस अवसर पर गत वर्ष बोर्ड परीक्षा कक्षा आठ की टोपर छात्रा जसविंदर कौर, कक्षा दस के नीरज कुमार एवं कक्षा बाहरा के टापर अमन झाम्ब का भी तिलक लगा सम्मानित किया।
अमीलाल राव विद्यालय प्रधानाचार्य चेतन वर्मा आदि ने उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्हें राजस्थानी साफा पगड़ी पहना सम्मानित किया।इस अवसर पर गत वर्ष बोर्ड परीक्षा कक्षा आठ की टोपर छात्रा जसविंदर कौर, कक्षा दस के नीरज कुमार एवं कक्षा बाहरा के टापर अमन झाम्ब का भी तिलक लगा सम्मानित किया।