प्रदेश में मई २०२२ में कुल ११४५४४ बेरोजगार आशार्थियों को सरकारी विभाग आवंटित किए गए हैं। इसमें अजमेर जिले में २०२०, अलवर ६०५०, बांसवाड़ा ३३७९, बारां १८३७, बाड़मेर ३१९७, भरतपुर ३७५८, भीलवाड़ा १८९७, बीकानेर १८२५, बूंदी १८५०, चितौडग़ढ़ ७६१, चूरू ४६८९, दौसा ७३७८, धौलपुर ९०१, डूंगरपुर १८३६, श्रीगंगानगर २६२७, हनुमानगढ़ जिले में ५४५१ को सरकारी विभाग आवंटित किया गया है। इसी तरह जयपुर में १५५७१, जैसलमेर ९२०, जालौर १६६९, झालावाड़ में १९१६, झुंझुनू ५९३२, जोधपुर ४१२५, करौली ४११४, कोटा १३१७, नागौर ११८५२, पाली १९५२, प्रतापगढ़ ८०७, राजसमंद २५८, सवाइ माधोपुर ४७३९, सीकर ७१८०, सिरोही ६८५, टोंक १०४९, उदयपुर ९४२ बेरोजगारों को विभाग आवंटित किया गया है।
नियमानुसार सरकार ने अब सरकारी विभागों में चार घंटे कार्य करने पर ही बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की व्यवस्था लागू है। मगर युवाओं का कहना है कि सरकार जब बेरोजगार आशार्थियों को सरकारी दफ्तरों में काम पर लगा रही है तो उसे बेरोजगारी भत्ता भी सम्मानजनक तरीके से देनी चाहिए। क्योंकि बढ़ रही महंगाई में यदि वह प्रतिदिन सरकारी दफ्तर में जाकर कामकाज करेगा तो परिवहन खर्च पर ही बड़ी राशि खर्च हो जाएगी। सरकार को चाहिए कि बेरोजगारी भत्ते के साथ ही परिवहन भत्ता भी स्वीकृत करे। जिससे सम्मानजक तरीके से वह कार्य कर सकें। बेरोजगारी भत्ता तो वैसे भी ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही है।
नई व्यवस्था से राहत
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत जिले को बेरोजगार आशार्थी आवंटित हुए हैं। इनको सरकारी विभागों में नियुक्ति देने से पूर्व सहमति देना होगा। नियुक्ति देने में विलंब नहीं हो, इसे लेकर हनुमानगढ़ कलक्टर ने नवाचार करते हुए मोबाइल मैसेज के माध्यम से ही ज्वाइनिंग देने की व्यवस्था लागू की है।
-विनोद गोदारा, कार्यवाहक जिला रोजगार अधिकारी हनुमानगढ़