हनुमानगढ़

इंदिरागांधी नहर के इतिहास में इस बार लेंगे सबसे अधिक 70 दिन की बंदी

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हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में इस बार 70 दिन की बंदी रहेगी। इस दौरान प्रदेश के दस जिलों में पेयजलापूर्ति सुचारू रखना पीएचईडी और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से चुनौतीपूर्ण रहेगा।

हनुमानगढ़Oct 06, 2019 / 09:34 pm

Purushottam Jha

इंदिरागांधी नहर के इतिहास में इस बार लेंगे सबसे अधिक 70 दिन की बंदी

इंदिरागांधी नहर के इतिहास में इस बार लेंगे सबसे अधिक 70 दिन की बंदी
-नहरबंदी अवधि में पेयजलापूर्ति सुचारू रखने को लेकर पीएचईडी व जल संसाधन विभाग के अभियंता मिलकर बनाएंगे रणनीति
-दोनों विभागों के अभियंताओं की आज होगी अहम बैठक
हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में इस बार 70 दिन की बंदी रहेगी। इस दौरान प्रदेश के दस जिलों में पेयजलापूर्ति सुचारू रखना पीएचईडी और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से चुनौतीपूर्ण रहेगा। बंदी अवधि में पेयजलापूर्ति सुचारू कैसे रखेंगे, इसे लेकर सोमवार को बीकानेर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता और पीएचईडी के अभियंताओं की संयुक्त बैठक होगी। इस समन्वय बैठक में पीएचईडी के अधिकारियों से पेयजल योजनाओं के लिए भंडारित पानी की क्षमता आदि पर अधिकारी गहनता से विचार करेंगे। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद कुमार मित्तल ने बताया कि इंदिरागांधी नहर पंजाब व राजस्थान भाग में मरम्मत कार्य शुरू करवाने को लेकर ३२९१ करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मंजूर हो चुका है। काफी बड़ा काम होने के कारण बंदी भी ज्यादा दिनों की लेनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि नहरबंदी अवधि में २५०० क्यूसेक पानी डायवर्सन के जरिए राजस्थान को मिलता रहेगा। लेकिन इतने पानी में प्रदेश के दस जिलों में पेयजलापूर्ति करना होगा। इसलिए पीएचईडी अधिकारियों से कंटीजेंसी प्लान के बारे में चर्चा कर रहे हैं। जिससे बंदी अवधि में पेयजलापूर्ति में किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। गौरतलब है कि वर्तमान में इंदिरागांधी नहर की हालत जर्जर हो चुकी है। इससे तय शेयर के अनुसार राजस्थान को पानी नहीं मिल पा रहा है। नहरों की रीलाइनिंग होने तथा बेड लेवल सुधरने के बाद काफी मात्रा में नहरी पानी की छीजत रुकने की संभावना है। मरम्मत कार्य पूर्ण होने पर राजस्थान के किसानों को तय हिस्से के अनुसार पानी मिलना संभव हो सकेगा।
प्रोजेक्ट के अनुसार वर्ष २०१९, २०२० व २०२१ तक सभी कार्य पूर्ण करने हैं। इसलिए विभाग स्तर पर लंबी नहरबंदी प्रस्तावित की गई है। तय प्रोजेक्ट के तहत सबकुछ हुआ तो इंदिरागांधी नहर में आगे २५ मार्च से पांच जून तक नहरबंदी रहेगी। इंदिरागांधी नहर के इतिहास में इतनी लंबी बंदी पहले कभी नहीं हुई है। लेकिन आगामी तीन वर्षों में लंबी बंदी नहीं लेने की स्थिति में नहर पुनरोद्धार प्रोजेक्ट पूर्ण नहीं होगा। किसानों को शेयर के अनुसार पानी मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि क्षतिग्रस्त नहरों की हालत में सुधार किया जाए। नहर पुनरोद्धार प्रोजेक्ट के तहत २० से २५ दिन तक पूर्ण बंदी तथा शेष अवधि में केवल पेयजलापूर्ति करने का प्रस्ताव है।
दस जिलों को पानी
इंदिरागांधी नहर में बंदी अवधि में प्रदेश के दस जिलों में जलापूर्ति सुचारू रखने के लिए जल संसाधन विभाग नहर पुनरोद्धार कार्य के साथ ही ४५० करोड़ खर्च कर अलग से डायवर्सन भी बनाएगा। जिसकी क्षमता २५०० क्यूसेक होगी। इंदिरागांधी फीडर ५२० से ६७१ तथा इंदिरागांधी मेन कैनाल में जीरो आरडी से २०० आरडी तक नहरों के हालत सुधारने को लेकर सभी तरह की प्रक्रिया पूर्ण करने में अधिकारी जुटे हुए हैं। इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़ के अलावा श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, झुंझुंनू, सीकर आदि जिलों को जलापूर्ति होती है।
यह होगा फायदा
्रप्रोजेक्ट के अनुसार काम हुआ तो चार वर्ष बाद इस नहर में वर्तमान की तुलना में करीब छह हजार क्यूसेक अधिक पानी प्रवाहित हो सकेगा। इससे प्रदेश के सिंचित क्षेत्र के विस्तार व किसानों को पूरा मिलने की संभावना है। पहले पंजाब भाग में रीलाइनिंग का काम शुरू होगा। इसके बाद राजस्थान क्षेत्र में नहरों की मरम्मत का काम प्रारंभ किया जाएगा। वर्तमान में पटरियां क्षतिग्रस्त होने के कारण इंदिरागांधी मुख्य नहर में अधिकतम 11000 से 12000 क्यूसेक पानी ही चल पाता है। लेकिन मरम्मत के बाद इसमें १७००० से 18000 क्यूसेक पानी चलाना संभव होगा।
फैक्ट फाइल
– प्रोजेक्ट के अनुसार वर्ष २०१९, २०२० व २०२१ तक सभी कार्य पूर्ण करने हैं।
-राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।
-1958 में इंदिरागांधी फीडर का निर्माण शुरू हुआ था।
-11 अक्टूबर 1961 में राजस्थान में पहली बार इंदिरागांधी नहर की नौरंगदेसर वितरिका में पानी प्रवाहित किया गया था।
-नहर बनने के बाद राजस्थान में सिंचित क्षेत्र का रकबा हजारों हेक्टेयर बढ़ा है।
-नहरी क्षेत्रों से राज्य में ४००० करोड़ का उत्पादन हो रहा है।
-द्वितीय चरण में नहर मरम्मत कार्य करने के लिए 70 दिन की नहरबंदी प्रस्तावित की गई है।
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