इतने समय से बकाया
नगर परिषद सीमा में विवाह स्थल स्थापित कर रखा है। विवाह स्थल पंजीयन उपनियम 2010 के अनुसार विवाह स्थल का पंजीकरण होना आवश्यक है। लेकिन विवाह स्थलों का पंजीकरण नहीं करवाया गया। जंक्शन स्थित एमएस बंसत पैलेस की अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 4080.58 वर्गगज है। इसके तहत 2016 से 2021 तक पंजीयन शुल्क जमा नहीं होने पर 9 लाख 17 हजार रुपए पंजीयन शुल्क जमा कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। टाउन स्थित जीएम रिसोर्ट का अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 4950 वर्गगज है। इसके तहत 2013 से 2021 तक 9 लाख 31 हजार रुपए बकाया है। टाउन स्थित रॉयल पैराडाइज का अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 1704.42 वर्गगज है। 2016 से 2021 तक पंजीयन शुल्क जमा नहीं होने पर 4 लाख 99 हजार 60 रुपए बकाया है। टाउन स्थित उत्तम पैलेस का अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 4909 वर्गगज भूमि है। इसके तहत 2010 से 2021 तक 10 लाख 74 हजार 160 रुपए जमा नहीं करवाने पर नगर परिषद की ओर से नोटिस भेजा जा चुका है।
नगर परिषद सीमा में विवाह स्थल स्थापित कर रखा है। विवाह स्थल पंजीयन उपनियम 2010 के अनुसार विवाह स्थल का पंजीकरण होना आवश्यक है। लेकिन विवाह स्थलों का पंजीकरण नहीं करवाया गया। जंक्शन स्थित एमएस बंसत पैलेस की अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 4080.58 वर्गगज है। इसके तहत 2016 से 2021 तक पंजीयन शुल्क जमा नहीं होने पर 9 लाख 17 हजार रुपए पंजीयन शुल्क जमा कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। टाउन स्थित जीएम रिसोर्ट का अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 4950 वर्गगज है। इसके तहत 2013 से 2021 तक 9 लाख 31 हजार रुपए बकाया है। टाउन स्थित रॉयल पैराडाइज का अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 1704.42 वर्गगज है। 2016 से 2021 तक पंजीयन शुल्क जमा नहीं होने पर 4 लाख 99 हजार 60 रुपए बकाया है। टाउन स्थित उत्तम पैलेस का अनुमति शुल्क क्षेत्रफल 4909 वर्गगज भूमि है। इसके तहत 2010 से 2021 तक 10 लाख 74 हजार 160 रुपए जमा नहीं करवाने पर नगर परिषद की ओर से नोटिस भेजा जा चुका है।
दो लाख से अधिक लेते हैं शुल्क
नगर परिषद से मिली जानकारी के अनुसार डीएलबी के निर्देश पर शहर के सभी मैरिज पैलेस व धर्मशालाओं का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। पंजीयन शुल्क बकाया होने पर सभी को नोटिस जारी किया जाएगा। हैरत की बात है कि इनमें से अधिकांश मैरिज पैलेस एक विवाह की बुकिंग पर हॉल व गार्डन का एक रात का किराया करीब दो लाख रुपए वसूलते हैं। वो भी बिना पंजीयन शुल्क जमा करवाए हुए।
नगर परिषद से मिली जानकारी के अनुसार डीएलबी के निर्देश पर शहर के सभी मैरिज पैलेस व धर्मशालाओं का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। पंजीयन शुल्क बकाया होने पर सभी को नोटिस जारी किया जाएगा। हैरत की बात है कि इनमें से अधिकांश मैरिज पैलेस एक विवाह की बुकिंग पर हॉल व गार्डन का एक रात का किराया करीब दो लाख रुपए वसूलते हैं। वो भी बिना पंजीयन शुल्क जमा करवाए हुए।
कई बार हो चुका है सर्वे
2016-17 में भी शहर के सभी मैरिज पैलेस व धर्मशालाओं का नगर परिषद की ओर से सर्वे किया गया था। इसके लिए दो टीमों का गठन किया गया था। टीमों के सदस्यों ने रिपोर्ट तैयार कर क्षेत्रफल के आधार पर नोटिस भी भेजे थे। यह कार्यवाही दो बार हुई। अब भेजे गए नोटिस के अनुसार मैरिज पैलेस संचालकों ने अभी तक पंजीयन शुल्क जमा नहीं करवाया है।
2016-17 में भी शहर के सभी मैरिज पैलेस व धर्मशालाओं का नगर परिषद की ओर से सर्वे किया गया था। इसके लिए दो टीमों का गठन किया गया था। टीमों के सदस्यों ने रिपोर्ट तैयार कर क्षेत्रफल के आधार पर नोटिस भी भेजे थे। यह कार्यवाही दो बार हुई। अब भेजे गए नोटिस के अनुसार मैरिज पैलेस संचालकों ने अभी तक पंजीयन शुल्क जमा नहीं करवाया है।
डीएलबी ने दिए हैं निर्देश
स्वायत्त शासन विभाग ने पंजीयन शुल्क जमा नहीं करवाने वाले मैरिज पैलेस को नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत शहरी क्षेत्र के मैरिज पैलेस का रिकार्ड खंगालकर पंजीयन शुल्क जमा करवाने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। शुल्क जमा नहीं होने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
पूजा शर्मा, आयुक्त, नगरपरिषद
स्वायत्त शासन विभाग ने पंजीयन शुल्क जमा नहीं करवाने वाले मैरिज पैलेस को नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत शहरी क्षेत्र के मैरिज पैलेस का रिकार्ड खंगालकर पंजीयन शुल्क जमा करवाने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। शुल्क जमा नहीं होने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
पूजा शर्मा, आयुक्त, नगरपरिषद
भेजे हैं नोटिस
आयुक्त के निर्देशानुसार पंजीयन शुल्क जमा नहीं कराने वाले विवाह स्थलों को नोटिस भेजा गया है। इसके बावजूद शुल्क जमा नहीं करवाते तो आगामी कार्यवाही की जाएगी।
सुरेंद्र गोदारा, रवेन्यु इंस्पेक्टर, नगर परिषद