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हनुमानगढ़

तीन माह बीते, किसानों के हाथ खाली, एक पैसा भी नहीं लौटा

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हनुमानगढ़. जिले की रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति में गबन का मामला उजागर होने के करीब तीन माह बाद भी किसानों के हाथ खाली ही पड़े हैं। प्रारंभिक जांच में आठ करोड़ से अधिक के गबन की पुष्टि होने के बाद हालांकि आरोपी व्यवस्थापक की जमीन कुर्क करने की कार्रवाई में सरकारी तंत्र ने तत्परता दिखाई। मगर अब धारा 55 में जांच लंबित होने की वजह से सारा काम अटका हुआ है।
 

हनुमानगढ़Feb 02, 2023 / 11:37 am

Purushottam Jha

तीन माह बीते, किसानों के हाथ खाली, एक पैसा भी नहीं लौटा

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तीन माह बीते, किसानों के हाथ खाली, एक पैसा भी नहीं लौटा
– जिले की रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति में करीब दस करोड़ की गड़बड़ी का मामला
-प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले में दो अफसर हो चुके एपीओ, अब धारा 55 में चल रही जांच की रिपोर्ट आने का इंतजार

हनुमानगढ़. जिले की रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति में गबन का मामला उजागर होने के करीब तीन माह बाद भी किसानों के हाथ खाली ही पड़े हैं। प्रारंभिक जांच में आठ करोड़ से अधिक के गबन की पुष्टि होने के बाद हालांकि आरोपी व्यवस्थापक की जमीन कुर्क करने की कार्रवाई में सरकारी तंत्र ने तत्परता दिखाई। मगर अब धारा 55 में जांच लंबित होने की वजह से सारा काम अटका हुआ है। किसानों की मांग है कि गबन मामले की जांच कर रहे अफसरों को प्राथमिकता से जांच पूरी करके इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजनी चाहिए। जिससे आरोपी की भूमि नीलाम करके पीडि़त किसानों को राशि लौटाई जा सके। गौरतलब है कि सहकारी समिति में गबन का मामला सामने आने पर किसानों ने आंदोलन भी किया।
इसके बाद केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ के तत्कालीन एमडी दीपक कुक्कड़ व उप रजिस्ट्रार अमीलाल सहारण को एक साथ एपीओ कर दिया गया। साथ ही जांच एक माह में पूरी करवाने का आश्वासन आंदोलनकारियों को दिया गया था। मगर अब तक जांच प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने की वजह से किसानों को मिलने वाली राहत की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। गबन मामले को विधानसभा में भी उठाया जा चुका है। गत दिनों जिले के दौरे पर आए सीएम अशोक गहलोत से भी किसानों का दल मिला था और गबन मामले से अवगत करवाया था। इसके बाद इसकी रिपोर्ट सीएमओ भी मंगवाई गई थी। लेकिन राहत के नाम पर अभी तक किसानों को एक पैसा भी नहीं मिल पाया है। जिससे किसान बेचैन हो रहे हैं। गबन के इस मामले को लेकर संगरिया विधायक गुरदीपसिंह का कहना है कि गबन की यह बहुत मोटी रकम है। उपखंड की अन्य सोसायटियों में एफडीआर व अन्य जमाओं की जंाच करवाने की जरूरत है, ताकि लोगों का पैसा सुरक्षित रह सके और गबन के मामले सामने आ सके।
करीब पचास हजार पेज
रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति में गबन का मामला सामने आने के बाद नवम्बर में तीन सदस्यी दल गठित किया गया था। इसमें सहकारिता विभाग के विशेष लेखा परीक्षक राजीव बिश्नोई, प्रबंधक संदीप सिंह व विनोद कुमार को लगाया गया। दिसम्बर में इसकी जांच भूमि विकास बैंक हनुमानगढ़ के सचिव पीथदान चारण को सौंपी गई। जांच लगभग पूरी हो चुकी थी। इस बीच धारा 55 में जांच बदलकर संयुक्त रजिस्ट्रार श्रीगंगानगर संजय गर्ग को सौंप दी गई। इसके बाद अब जांच रिपोर्ट आने का इंतजार सभी कर रहे हैं। जांच दल में शामिल अफसरों का कहना है कि अब तक जो रिकॉर्ड प्राप्त हुए हैं, उसमें करीब पचास हजार पेज हैं। इसकी जांच में समय तो लगेगा ही। जांच अधिकारी संजय गर्ग के अनुसार रिकॉर्ड जांचने का काम चल रहा है। जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भिजवा देंगे।
……वर्जन……
चल रही है जांच
रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति में गबन मामला सामने आने पर इसकी जांच धारा 55 में करवाई जा रही है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे आरोपी व्यवस्थापक की जमीन को नीलाम करने सहित अन्य कार्रवाई की जा सकती है।
-मनोज कुमार मान, एमडी, केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़
बैठे हैं आस में
मैंने मेहनत मजदूरी करके तेरह लाख रुपए दंपती के नाम एफडी करवाई थी। पैसे नहीं मिलने के बाद परिवार सदमे में हैं। पैसे मिल जाएं तो बुढ़ापा कट जाएगा। गबन मामले की जांच जल्द पूरी करके हमें पैसे वापस दिलाने के प्रयास प्रशासन स्तर पर किए जाएं।
-गोपीराम, आटा चक्की संचालक, रतनपुरा

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