scriptकविता के ‘बहुत बड़े पेड़ थे कागद’ | Three writers honored on the death anniversary of litterateur Om Puro | Patrika News

कविता के ‘बहुत बड़े पेड़ थे कागद’

locationहनुमानगढ़Published: Aug 10, 2019 09:13:43 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. राजस्थानी साहित्यकार ओम पुरोहित कागद की पुण्यतिथि पर कागद फाउंडेशन की ओर से शनिवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जंक्शन में अबोहर बाइपास स्थित बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में तीन साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान के लिए जोधपुर के डॉ. सत्यनारायण, राजस्थानी के लिए जोधपुर के डॉ. आईदानसिंह भाटी तथा युवा कागद सम्मान के लिए जयपुर के डॉ. जगदीश गिरी को सम्मानित किया गया।
 

event

कविता के ‘बहुत बड़े पेड़ थे कागद’

कविता के ‘बहुत बड़े पेड़ थे कागद’
-साहित्यकार ओम पुरोहित कागद की पुण्यतिथि पर तीन साहित्यकारों का सम्मान
-कागद फाउंडेशन के तत्वावधान में सम्मान समारोह आयोजित

हनुमानगढ़. राजस्थानी साहित्यकार ओम पुरोहित कागद की पुण्यतिथि पर कागद फाउंडेशन की ओर से शनिवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जंक्शन में अबोहर बाइपास स्थित बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में तीन साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान के लिए जोधपुर के डॉ. सत्यनारायण, राजस्थानी के लिए जोधपुर के डॉ. आईदानसिंह भाटी तथा युवा कागद सम्मान के लिए जयपुर के डॉ. जगदीश गिरी को सम्मानित किया गया। इस मौके पर कलक्टर जाकिर हुसैन ने कहा कि साहित्य ने हमेशा समाज को रास्ता दिखाया है। साहित्यकार समाज की अच्छाईयों को सामने लाकर लाखों लोगों को सकारात्मक गतिविधियों से अवगत करवाते हैं। इसलिए साहित्य को समाज का दर्पण भी कहा गया है। साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण ने ओम पुरोहित कागद को याद करते हुए कहा कि उनका भाषा के प्रति गजब का समर्पण था। थार सप्तक का प्रकाशन उनका साहित्य में नवाचार था। इस प्रयास ने प्रदेश के कई नवोदित कवियों को मंच प्रदान किया, जिसके ऊपर चढक़र उन्होंने साहित्य की बड़ी उपलब्धियां हासिल की। कागद की कविताएं ‘समय हस रहा है’, ‘पेड़ का सवाल’ आदि के जरिए लोगों को कागद के साहित्य का महत्व बताया। साथ ही कहा कि कागद शब्दों के गजब के कारीगर थे। साहित्यकार डॉ. आईदानसिंह भाटी ने कहा कि हम चाहे कुछ भी कर लें, लेकिन संवेदनशीलता के बिना सबकुछ छिन जाता है। ‘आदमी में उजास लिख’ पंक्ति के जरिए उन्होंने कविता का महत्व बताया। उन्होंने कागद को कविता का बहुत बड़ा पेड़ बताया। युवा साहित्य से सम्मानित डॉ. जगदीश गिरी ने कहा कि कागद की ओर से लिखी गई कुचरणी की पंक्तियों ने मुझ जैसे युवा को उनका दीवाना बना दिया था। युवाओं को कविता से जुडऩे का आग्रह करके उन्होंने कहा कि साहित्य हमेशा आपको आगे बैठने का अवसर प्रदान करता है। साहित्यकार हरीश बी शर्मा ने कहा कि कागद जी ने राजस्थानी भाषा आंदोलन की जो ज्योत जलाई थी, उसे अब ज्वाला बनाने की जरूरत है, ताकि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल सके। कार्यक्रम मेें मुख्य वक्ता केंद्रीय साहित्य अकादमी में राजस्थानी के संयोजक मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि कागद ने जीवन के हर पहलू को अपने साहित्य में स्थान दिया। इसलिए जरूरी है कि कागद के साहित्य का मूल्यांकन किया जाए। उन्होंने कहा कि जीवन के लिए भाषा की जरूरत बहुत होती है। साहित्य रचना के लिए भाषा के साथ संवेदना का मिश्रण जरूरी बताया। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने में कागद के योगदान का जिक्र कर कहा कि, कागद जैसे दस-बीस और होते तो आज तक सरकारें झुक गई होती और राजस्थानी को मान्यता भी मिल गई होती। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं में जो कचरा फैला हुआ है, उसे हटाए बिना राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलना मुश्किल है। कार्यक्रम का संचालन कवि राजेश चड्ढ़ा ने किया। इस मौके पर साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। कागद फाउंडेशन हनुमानगढ़ की अध्यक्ष भगवती पुरोहित, महासचिव नरेश मेहन, सचिव दिनेश दाधीच ने संस्था की ओर से संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। बेबी हैप्पी कॉलेज के निदेशक तरुण विजय, चैयरमैन आशीष विजय, प्राचार्य डॉ. विशाल पारीक, जिला अस्पताल के प पीएमओ डॉ. एमपी शर्मा, आयोजन समिति सदस्य गोपाल झा, राज तिवारी, पूर्व उप सभापति कालूराम शर्मा, अंकिता पुरोहित, भारती पुरोहित, प्रवीण पुरोहित, साहित्यकार रूपसिंह राजपुरी, प्रेम धींगड़ा ‘भटनेरी’, राजू सारसर, सुरेंद्र सत्यम, विनोद स्वामी, मनोज देपावत, हरीश हैरी, प्रो. सुमन चावला, डॉ. संतोष राजपुरोहित, नीपेन शर्मा सहित अन्य कार्यक्रम में मौजूद रहे।
बना रहे पुस्तकालय
कार्यक्रम में कगद फाउंडेशन के सचिव दिनेश दाधीच व महासचिव कालूराम शर्मा ने बताया कि जंक्शन की दुर्गा मंदिर धर्मशाला में कागद पुस्तकालय का निर्माण करने की प्रक्रिया चल रही है। पुस्तकालय बनने के बाद यहां पर कागद के अलावा अन्य साहित्यकारों की काव्य रचनाएं यहां पर उपलब्ध रहेगी।

काव्य गोष्ठी आज
राजस्थान साहित्यकार ओम पुरोहित कागद की पुण्यतिथि पर कागद फाउंडेशन हर वर्ष हिंदी, राजस्थानी एवं युवा इन तीन श्रेणियों में एक-एक साहित्यकार को सम्मानित करती है। अब तक स्वर्गीय जनकराज पारीक, मोहन आलोक, डॉ. मंगत बादल, नीरज दईया, उम्मेद धानिया व सतीश छिम्पा को सम्मानित किया जा चुका है। इस बार तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत पहले साहित्यकारों का सम्मान किया गया है। 11 अगस्त को चाणक्य क्लासेज में कवि गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। 12 अगस्त को दुर्गामंदिर धर्मशाला में पौधरोपण किया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो