कहते हैं कि समय बड़ा बलवान है। यह कहावत जिले के राजनीतिक हालात पर बिलकुल फिट बैठती है। वर्ष 2013 में भाजपा ने धर्मेन्द्र मोची का टिकट काटकर द्रोपदी मेघवाल को प्रत्याशी बनाया था। 6 नवम्बर 2013 को धर्मेन्द्र मोची को मनाने द्रोपदी मेघवाल उनके यहां गर्ई और झोली फैलाकर समर्थन मांगा। मगर मोची ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए पार्टी व प्रत्याशी दोनों की नहीं मानी। अब वक्त ने दोनों को फिर उसी जगह पर लाकर खड़ा कर दिया है।
कहते हैं कि समय बड़ा बलवान है। यह कहावत जिले के राजनीतिक हालात पर बिलकुल फिट बैठती है। वर्ष 2013 में भाजपा ने धर्मेन्द्र मोची का टिकट काटकर द्रोपदी मेघवाल को प्रत्याशी बनाया था। 6 नवम्बर 2013 को धर्मेन्द्र मोची को मनाने द्रोपदी मेघवाल उनके यहां गर्ई और झोली फैलाकर समर्थन मांगा। मगर मोची ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए पार्टी व प्रत्याशी दोनों की नहीं मानी। अब वक्त ने दोनों को फिर उसी जगह पर लाकर खड़ा कर दिया है।