समाजसेवी राज किंगरा ने बताया कि रात को बीकानेर जाने वाली सवारी गाड़ी में करीब १०.३० बजे चढ़ते वक्त महिला का पैर फिसलने से वह रेलगाड़ी की चपेट में आ गई। स्टेशन स्टाफ एवं लोगों ने दौड़कर गाड़ी को रुकवाया। लोगों ने बदहवास हालात में महिला को संभाला। उनकी जान तो बच गई लेकिन घुटने तक एक पैर कट गया। घटना के बाद पैर के कटे हिस्से सहित महिला के उपचार के लिए एंबुलेंस का लोग इंतजार करते रहे। सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस तो नहीं पहुंची। पुलिस थाना से जीप जरुर आई। जानकारी लेने के बाद पुलिस कर्मियों ने भी एंबुलेंस नहीं आने पर मानवता के नाते अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई।
कुछ देर बाद महिला के पति पहुंच गए। करीब ११.३० बजे मौके पर मौजूद और घूमने के लिए निकले युवकों राजकुमार कश्यप, विपिन सोनी, सुनील टेंगो, अर्जुन वाल्मीकि, अजय बुर्ट, नीरज वर्मा, सुखदेव व सुनील आदि ने अल्टो कार से कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। कोई रास्ता नहीं दिखा तो उसे स्टे्रचर पर डालकर पैदल ही सरकारी अस्पताल पहुंचाया। जहां विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने से डॉ. कुलदीप व उनकी टीम ने उसे संभाला।
प्राथमिक चिकित्सा देकर रेफरल कार्ड बना। करीब १२ बजे एंबुलेंस आई। पुरानी होने के कारण उसे भी धक्का देकर स्टार्ट करना पड़ा। वे लोग जैसे तैसे हनुमानगढ़ आ गए। महिला को उपचार के लिए भरती करवाया और दो बजे वापिस घर लौटे। उन्होंने ऐसी नाकाम व्यवस्था पर आक्रोश जताया। अस्पताल में जरुरी विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित एंबुलेंस की व्यवस्था करवाने की मांग उठाई है। पता चला कि एंबुलेंस चार लाख से ज्यादा किमी. तक चल चुकी है। ऐसे ही रहा तो आपातकालीन परिस्थितियों में मरीज को कैसे संभाल पाएंगे। एक एंबुलेंस सदैव अस्पताल में खड़ी रहनी चाहिए।
उधर, चिकित्सालय प्रभारी डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में एक भी निजी एंबुलेंस नहीं है। ऐसे में परेशानी तो होती है। एकमात्र १०८ एंबुलेंस पुरानी है। कॉल सेंटर से व्यवस्था होने पर ही पहुंच पाती है। घटना के वक्त एंबुलेंस हनुमानगढ़ मरीज को लेकर गई हुई थी। वापिस पहुंचने में समय लग गया। विधायक से भी मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी बैठक दौरान नई एंबुलेंस दिलवाने, अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्ति करवाने सहित अनेक समस्याओं के निदान की मांग रखी गई है।
थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि उन्हें घटना का ध्यान नहीं है। परिस्थिति देखते हुए मरीज को जीप से अस्पताल पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं। पुलिस भी संवेदनशील है। सदैव आमजन के सहयोग के लिए तत्पर रहती है।
थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि उन्हें घटना का ध्यान नहीं है। परिस्थिति देखते हुए मरीज को जीप से अस्पताल पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं। पुलिस भी संवेदनशील है। सदैव आमजन के सहयोग के लिए तत्पर रहती है।