scriptदबाव बनाने पर अब भर रहा खजाना, अब तक 29 प्रतिशत हुई आबयाना वसूली | Treasury is now filling up on pressure, so far 29 percent | Patrika News

दबाव बनाने पर अब भर रहा खजाना, अब तक 29 प्रतिशत हुई आबयाना वसूली

locationहनुमानगढ़Published: Feb 28, 2020 11:55:14 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. जल संसाधन विभाग स्तर पर लगातार दबाव बनाने के बाद अब आबयाना वसूली ने गति पकड़ ली है। उत्तर संभाग हनुमानगढ़ कार्यालय के अधीन करीब ८३ करोड़ का आबयाना बकाया चल रहा था। लेकिन अब १८ फरवरी २०२० तक २९ प्रतिशत आबयाना वसूली हो चुकी है। शेष आबयाना की वसूली को लेकर विभागीय टीम लगातार किसानों से संपर्क कर रही है। ३० मार्च तक आबयाना नहीं जमा करवाने वाले किसानों की बारी काटने की चेतावनी दी गई है।
 

दबाव बनाने पर अब भर रहा खजाना, अब तक 29 प्रतिशत हुई आबयाना वसूली

दबाव बनाने पर अब भर रहा खजाना, अब तक 29 प्रतिशत हुई आबयाना वसूली

दबाव बनाने पर अब भर रहा खजाना, अब तक 29 प्रतिशत हुई आबयाना वसूली
-जल संसाधन विभाग के अधिकारी दिखा रहे सख्ती
हनुमानगढ़. जल संसाधन विभाग स्तर पर लगातार दबाव बनाने के बाद अब आबयाना वसूली ने गति पकड़ ली है। उत्तर संभाग हनुमानगढ़ कार्यालय के अधीन करीब ८३ करोड़ का आबयाना बकाया चल रहा था। लेकिन अब १८ फरवरी २०२० तक २९ प्रतिशत आबयाना वसूली हो चुकी है। शेष आबयाना की वसूली को लेकर विभागीय टीम लगातार किसानों से संपर्क कर रही है। ३० मार्च तक आबयाना नहीं जमा करवाने वाले किसानों की बारी काटने की चेतावनी दी गई है।
जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के अधिकारियों के अनुसार गंगकैनाल, भाखड़ा व इंदिरागांधी नहर परियोजना के तहत क्षेत्र के किसानों पर पहले से करीब ५० करोड़ बकाया चल रहा था। जबकि चालू वर्ष में ३३ करोड़ आबयाना वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसकी वसूली के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि सरकार ने बकाया आबयाना वसूली को लेकर गत माहों में किसानों को ब्याज में छूट की सुविधा प्रदान की है।
इसमें दिसम्बर २०१९ तक बकाया आबयाना जमा करवाने पर ब्याज में शत-प्रतिशत छूट की सुविधा प्रदान की गई थी। लेकिन बाद में जनवरी २०२० में ब्याज छूट की सीमा घटाकर ७५ प्रतिशत कर दी गई। फरवरी २०२० यानी वर्तमान माह में ब्याज में ५० प्रतिशत की छूट दी जा रही है। जबकि मार्च २०२० में ब्याज छूट केवल २५ प्रतिशत रह जाएगी। इस स्थिति में जो किसान चालू माह में बकाया जमा करवा देंगे, उन्हें ब्याज छूट का अधिक लाभ मिल सकेगा।
कृषि का आधार
जिले में नहरी सिस्टम कृषि व्यवस्था पर आधारित है। ऐसे में समय पर आबयाना जमा करवाने के प्रति किसानों को गंभीरता दिखानी चाहिए। क्योंकि आबयाना वसूली से जो राशि प्राप्त होती है, उसी से नहरी तंत्र के विकास को लेकर प्लान बनाए जाते हैं। ऐसे में किसानों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए समय पर आबयाना जमा करवाने को लेकर गंभीर होने की जरूरत है। जिले में खरीब व रबी सीजन दोनों मिलाकर करीब दस लाख हेक्टेयर में खेती हो रही है।
२४०० करोड़ रुपए का भुगतान
कुल गेहूं की सरकारी खरीद की तुलना में गत वर्ष श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के किसानों को केवल एफसीआई ने २४०० करोड़ रुपए का भुगतान किया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में कृषि क्षेत्र का कितना महत्व है। गेहूं के अलावा सरसों, चना, नरमा-कपास, किन्नू सहित अन्य फसलों की पैदावार दोनों जिलों में खूब होती है। सिंचाई का बड़ा आधार नहरी तंत्र होने के कारण आबयाना अहम स्थान रखता है।
दे रहे हैं नोटिस
जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने बताया कि आबयाना वसूली को लेकर प्रयास तेज कर दिए गए हैं। जिले में कृषि का बड़ा आधार नहरी तंत्र ही है। किसानों को समय पर आबयाना जमा करवाने को लेकर गंभीर होना चाहिए। कुल बकाया आबयाना की तुलना में १८ फरवरी २०२० तक २९ प्रतिशत वसूल कर लिया गया है। शेष राशि की वसूली में जुटे हुए हैं। जिन किसानों ने आबयाना जमा नहीं करवाया है, आगे उनकी बारी काटने की कार्रवाई भी करेंगे। इस संबंध में उन्हें नोटिस दे रहे हैं।
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