हवलदार सुरेशकुमार व प्रत्यक्षदर्शी डायरेक्टर भागीरथ ने बताया कि हनुमानगढ़ से डबवाली जा रही बीएमडब्ल्यू कार में सामने से आई होंडा कार ओवरटेक करने के फेर में जा टकराई। बीएमडब्ल्यू पलटने से जबकि दूसरी कार आगे से क्षतिग्रस्त हो गई। बैंक जा रहे कर्मचारी सुरेंद्रसिंह व एक जने को चोट लगी। होंडा में सवार लोग फरार हो गए। उधर, बोलांवाली की छोटी कस्सी के पास बीती रात अनियंत्रित हुआ ट्राला पलट गया। चालक को चोट आई।
सिलेंडर में लगी आग, पाया काबू
संगरिया. गांव हरिपुरा में एक हलवाई दुकान पर लगे सिलेंडर में आग लग गई। जिस पर ग्रामीणों ने जाकर काबू पा लिया। कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। गुरप्यारसिंह ने बताया कि सुभाष हलवाई की दुकान पर मंगलवार सायं अचानक सिलेंडर में पाइप लीकेज होने से आग भभक गई। बलकौर ढिल्लों व वीरेंद्र जाखड़ ने धरना स्थल से जाकर सिलेंडर का रेगुलेटर बंद करके आग पर काबू पा लिया। जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया।
संगरिया. गांव हरिपुरा में एक हलवाई दुकान पर लगे सिलेंडर में आग लग गई। जिस पर ग्रामीणों ने जाकर काबू पा लिया। कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। गुरप्यारसिंह ने बताया कि सुभाष हलवाई की दुकान पर मंगलवार सायं अचानक सिलेंडर में पाइप लीकेज होने से आग भभक गई। बलकौर ढिल्लों व वीरेंद्र जाखड़ ने धरना स्थल से जाकर सिलेंडर का रेगुलेटर बंद करके आग पर काबू पा लिया। जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया।
धरने पर किया सत्संग, लगाए नाके
संगरिया. गांव हरिपुरा में किसान आंदोलन के तहत पांचवे दिन धरना जारी रहा। धर्मा एंड पार्टी ढाबां के सदस्यों ने सत्संग किया। सुबह लोकगीत सुना कर केंद्र सरकार से अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए प्रदर्शन किया। गांव बुगलांवाली, नाथवाना, चकप्रतापनगर तथा मोरजंडसिखान में भी किसान धरने पर जुटे रहे। हरिपुरा में एक सब्जी की गाड़ी को रोका। कोई नुकसान ना कर उसे चाय-पानी पिलाई व समझाया। गांव ढाबां में नाके लगाकर शहर जाने वाले मार्गों पर किसान डटे रहे। दूध व सब्जी नहीं जाने दी।
संगरिया. गांव हरिपुरा में किसान आंदोलन के तहत पांचवे दिन धरना जारी रहा। धर्मा एंड पार्टी ढाबां के सदस्यों ने सत्संग किया। सुबह लोकगीत सुना कर केंद्र सरकार से अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए प्रदर्शन किया। गांव बुगलांवाली, नाथवाना, चकप्रतापनगर तथा मोरजंडसिखान में भी किसान धरने पर जुटे रहे। हरिपुरा में एक सब्जी की गाड़ी को रोका। कोई नुकसान ना कर उसे चाय-पानी पिलाई व समझाया। गांव ढाबां में नाके लगाकर शहर जाने वाले मार्गों पर किसान डटे रहे। दूध व सब्जी नहीं जाने दी।