सर्वप्रथम श्रीगंगानगर फाटक पर आरओबी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। उस वक्त जिला कलक्टर की ओर से श्रीगंगानगर फाटक को बंद करने से संबंधित एनओसी जारी की गई थी। लेकिन व्यापारियों की मांग को देखते हुए आरओबी की जगह पर अंडरपास बनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद एनओसी में बदलाव करते हुए इस फाटक पर आरओबी के साथ-साथ आरयूबी का भी जिक्र किया गया।
़व्यापारियों ने यह की थी मांग
आरओबी का निर्माण करने पर धानमंडी के गेट बंद होने की आशंका थी। शिव मंदिर मार्ग पर नगर परिषद की ओर से करीब चार करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण किया गया है। आरओबी होने से इस मार्ग का औचित्य नहीं रहता। दोनों तरफ के दुकानदारों को भी आर्थिक नुकसान होता। इन कारणों की वजह से व्यापारी संगठन ने आरओबी की जगह अंडरपास की मांग की थी। ग़ौरतलब है कि राज्य सरकार ने बजट के दौरान जंक्शन स्थित श्रीगंगानगर फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराने की घोषणा की थी। आरओबी निर्माण पर 45 करोड़ की लागत प्रस्तावित की गई। इसमें 20 करोड़ रुपए रेलवे की ओर से खर्च करने का प्रस्ताव था तो 25 करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाने थे। अब राज्य सरकार की ओर से 25 करोड़ की लागत से इस फाटक पर रेलवे अंडरपास का निर्माण करवाया जाएगा।
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