बीकानेर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित परीक्षाओं में बेहतर परिणाम लाने वाले विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राजाराम चोयल ने कहा कि पहले पीएचडी करने पर ही कुलपति के दर्शन होते थे। लेकिन आज के विद्यार्थी सौभाग्यशाली हैं। उन्हें बीए की पढ़ाई के दौरान ही कुलपति से सम्मानित होने का अवसर मिल रहा है। कार्यक्रम के दौरान भटनेर किंग्स क्लब के अध्यक्ष कुलभूषण जिंदल, करण गर्ग सहित अन्य ने कुलपति का सम्मान किया।
हनुमानगढ़. मीडिया से बातचीत में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि हम समय पर सभी परीक्षा करवाकर उसके परिणाम जारी कर रहे हैं। जिससे विद्यार्थियों का समय बर्बाद नहीं हो। आगे कहा कि इतनी परीक्षाएं करवाने के बाद भी हमारे विश्वविद्यालय का प्रश्नपत्र आऊट नहीं हुआ। जो विश्वविद्यालय स्टॉफ की निष्ठा और समर्पण को दर्शाता है। पीजी कक्षाओं में कई तरह के कोर्स का समावेश कर नवाचार करने की बात भी कुलपति ने कही। उन्होंने कहा कि आज की उच्च शिक्षा में विद्यार्थी बड़ी डिग्री तो हासिल कर रहा है। लेकिन उसे अच्छा इंसान कैसे बनाया जाए। इसके लिए भी विश्वविद्यालय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। आगे कहा कि यूजी कक्षाओं में तीन लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। इसलिए पहले हम पीजी में प्रयोग कर रहे हैं। इसमें प्रयोग सफल रहने पर यूजी में भी लागू करेंगे।
हनुमानगढ़. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार सिंह ने शनिवार को जंक्शन के बेबी हैप्पी मार्डन पीजी कॉलेज में जिले के कॉलेज संचालकों के साथ संवाद भी किया। इस मौके पर कुलपति ने कहाकि कोरोना काल में कॉलेज संचालकों और विश्वविद्यालय के बीच जो दूरी बनी है, उसे कम करने के लिए संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कुलपति ने संवाद कार्यक्रम में कॉलेज संचालकों के समक्ष आ रही समस्याओं को सुना। परीक्षा नियंत्रक राजाराम चोयल ने कहा कि कोविड संक्रमण के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक ४८ परीक्षाओं के परिणाम जारी कर दिए हैं। कॉलेज संचालकों के समक्ष आ रही समस्याओं का तत्काल समाधान करवाने का आश्वासन दिया। संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता बेबी हैप्पी कॉलेज के निदेशक तरुण विजय ने की। एसकेडी कॉलेज के छत्रसाल सिंह राघव ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में निजी और सरकारी का भेद मिटाने की बात कही। चेयरमैन आशीष विजय, प्रशासक परमानंद सैनी, प्राचार्य डॉ. विशाल पारीक, मनोज शर्मा, डॉ. संतोष चौधरी, राज महला, डॉ. शायर सिंह, राकेश वर्मा, राजकुमार अरोड़ा, छत्रसाल सिंह राघव, सागरमल लडढ़ा, रामप्रताप जांगू, डॉ. संतोष राजपुरोहित, श्यामसुदंर शर्मा, सागरमल लडढ़ा सहित अन्य मौजूद रहे।