scriptVideo: ‘आंखों की रोशनी चली गई, फिर भी कर लेता है बुक बाइंडिंग.. | Video: sangria blind man book binding story | Patrika News

Video: ‘आंखों की रोशनी चली गई, फिर भी कर लेता है बुक बाइंडिंग..

locationहनुमानगढ़Published: Apr 24, 2018 12:30:40 pm

– दिव्यांगता किसी की मोहताज़ नहीं- स्वरोजगार से अपना व परिवार का पालन

sangria blind man book binding story

sangria blind man book binding story

संगरिया. बचपन से आंखों की रोशनी गंवाने के बावजूद एक युवक सुई में धागा डालकर बाखूबी बुक बाइंडिंग कारोबार को अंजाम दे रहा है। जिससे वह न सिर्फ अपना पेट पाल रहा है बल्कि दूसरों को भी बुक बाइंडिंग के बारे में बता रहा है। कहते है कि अगर इंसान में कुछ कर गुजरने का ज़ज्बा हो तो बड़े से बड़ा काम आसान हो जाता है। ऐसी ही एक जिंदादिल मिसाल कस्बे के वार्ड १६ में देखने को मिली है।
अमित कुमार सोनी पुत्र जयदेव सोनी नेत्रहीन होने पर भी बुक बाइंडिंग कर रहा है। महज छह साल की उम्र में उसे एक आंख से दिखना बंद हुआ फिर दूसरी आंख की रोशनी चली गई, पर उसने हिम्मत नहीं हारी। अंधविद्यालय श्रीगंगानगर से दसवीं, संगरिया से ११ व १२वीं व राजनीति शास्त्र में एमए तक पढ़ाई की।
नौकरी के प्रयास परवान नहीं चढ़े तो अमित ने इसी दौरान बुक बाइंडिग का अपने स्तर पर खुद काम सीखा। आज सुई में धागा डालने व साफ-सुथरी किताबों तथा कापियों की कटिंग करके सटीक तरीके से बुक बाइंडिग का काम करता है। कापियों पर लेमिनेटिड प्लास्टिक शीट कवर चढ़ाकर कटर से साइडें काट, कैंची से सफाई के बाद टेप लगाते देख सहज ही कोई नहीं कह सकता है, वह एक नेत्रहीन है।
अमित का कहना है कि रोजाना बुक बाइंडिंग के जरिए वह एक हजार रुपए तक कमा लेता है व आसानी से अपना तथा अपने परिवार का पालन करता है। इसके अलावा वह एसकेएम स्कूल का स्टेशनरी स्टोर भी संभालता है। रोजाना सुबह इसे खुद ही खोलता और शाम को खुद ही बंद करता है। बच्चों को स्टेशनरी देने व पैसे काटने जैसे संव्यवहार खुद कर लेता है। अब अमित वेस्ट मैटिरियल से भी सामान बनाकर उन्हें मूर्त रुप देने में जुटा है।
मां दया देवी बताती हैं कि आंखों की रोशनी नहीं होने पर भी कुछ कर गुजरने के जुनून ने अमित को इतना काबिल बना दिया कि ऐसा महीन काम आम आदमी की भांति कर लेता है। शौक ने उसे स्व रोजगार व संबल दिया, ऐसे बेटे पर उन्हें गर्व है। अमित की बहन प्रियंका सोनी बीबीए करके बैंगलोर में जॉब कर रही है तो भाई सुमित सोनी जयपुर में ज्वैलरी का काम कर रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो