वर्तमान में प्रदेश को ११००० क्यूसेक पानी मिल रहा है। शेयर के अनुपात में इंदिरागांधी नहर में ७७०० क्यूसेक पानी चलाकर तीन में से एक समूह में सिंचाई पानी दिया जा रहा है। गंगकैनाल में १८५० क्यूसेक, भाखड़ा में १२००, सिद्धमुख नोहर में ६५० व एसजीसी खारा में २५० क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है। बीबीएमबी की बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता केएल जाखड़ ने बताया कि बांधों में आवक की स्थिति सुधरने पर दस जुलाई तक शेयर को यथावत कर दिया गया है। इससे नहरी क्षेत्र में खरीफ बिजाई अब आसानी से हो सकेगी। इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर व जोधपुर सहित कई जिलों को पानी मिल रहा है।
आवक पर नजर
२९ जून २०१८ को पौंग बांध में २४६१८, रणजीत सागर में ३१६०० व भाखड़ा में २५६८३ क्यूसेक हुआ। बांधों में आवक की स्थिति सुधरने से प्रदेश के किसानों को खरीफ बिजाई में दिक्कत नहीं आएगी। दस जुलाई तक शेयर निर्धारित होने से नहरों का रेग्यूलेशन सुचारू रूप से चलता रहेगा।
पहले यह थी स्थिति
२० से २६ जून २०१७ तक व्यास नदी से पौंग बांध में औसतन ५००० से २५००० क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। लेकिन वर्ष २०१८ में इस अवधि में महज ८०० से १००० क्यूसेक पानी की आवक हुई। जिससे प्रदेश की चिंता बढ़ गई थी। लेकिन २६ जून के बाद आवक की स्थिति में सुधार आने से अब चिंता कम हुई है।