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थर्ड वेव में निपटने के लिए नहीं हमारे पास मेडिकल ‘हथियारÓ

locationहनुमानगढ़Published: Jun 13, 2021 11:47:02 pm

Submitted by:

adrish khan

थर्ड वेव में निपटने के लिए नहीं हमारे पास मेडिकल ‘हथियारÓ- जिला व प्राइवेट अस्पतालों में नहीं वेंटिलेटर की सुविधा- केवल एक माह तक के नवजात के लिए कुछ प्राइवेट अस्पताल

थर्ड वेव में निपटने के लिए नहीं हमारे पास मेडिकल 'हथियारÓ

थर्ड वेव में निपटने के लिए नहीं हमारे पास मेडिकल ‘हथियारÓ


थर्ड वेव में निपटने के लिए नहीं हमारे पास मेडिकल ‘हथियारÓ
– जिला व प्राइवेट अस्पतालों में नहीं वेंटिलेटर की सुविधा
– केवल एक माह तक के नवजात के लिए कुछ प्राइवेट अस्पताल

हनुमानगढ़. कोरोना वायरस की थर्ड वेव में निपटने के लिए जिले में हमारे पास पर्याप्त मेडिकल उपकरण तक नहीं है। जिले के सरकारी अस्पताल तो दूर प्राइवेट अस्पताल में ही बच्चों के लिए वेंटिलेटर की सुविधा तक नहीं हुई। प्राइवेट अस्पतालों में केवल नवजात बच्चों के इलाज के लिए वेंटिलेटर की सुविधा है, इनकी संख्या भी सीमित है। एक माह तक के नवजात को वेंटिलेटर पर भर्ती किया जाता है। वहीं एक माह से अधिक व दस साल तक के लिए बच्चों के लिए एक भी वेंटिलेटर की सुविधा ही नहीं है। आशंका है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होगा। यही हाल टाउन स्थित महात्मा गांधी जिला अस्पताल में तो नवजात के लिए भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। वेंटिलेटर की सुविधा के लिए अस्पताल प्रशासन कई वर्षों से लगातार मुख्यालय को लिख चुका है। जिला अस्पताल में छह पीडियाट्र्शिन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में थर्ड वेव की आशंका के चलते इंतजाम नहीं किए गए तो स्थिति इस बार से भी ज्यादा भयावह होगी।
भेज चुके हैं डिमांड
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में स्थिति भयावह होने के कारण राज्य सरकार ने भविष्य में थर्ड से निपटने के लिए डिमांड भिजवाने के निर्देश दिए थे। इसके चलते जिला अस्पताल प्रशासन ने वेंटिलेटर व अन्य उपकरण से संबंधित डिमांड भेजी थी। सूत्रों की माने तो अभी तक इन उपकरणों की सप्लाई जिला अस्पताल को नहीं मिली है। इसके अलावा बेड की संख्या में भी बढ़ोतरी करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग को लिखा जा चुका है।
तीस बेड ऑक्सीजन, दस वेंटिलेटर
जानकारों की माने तो जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में तीस बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए पर्याप्त साधन होने चाहिए। अगर थर्ड वेव आती है तो प्रथम चरण में तीस बेड पर बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा सका। इसी तरह दस के करीब वेंटिलेटर की सुविधा भी हो, इसमें आठ वेंटिलेटर पर भर्ती करने की सुविधा व दो वेंटिलेटर बेकअप के लिए भी होने चाहिए।
देना होगा प्रशिक्षण
जानकारों की माने थर्ड वेव की आशंका के चलते जिले के सरकारी अस्पतालों के स्टाफ को इससे निपटने के लिए अभी से प्रशिक्षण देनी की तैयारी करनी होगी। इससे बच्चों को बेहतर इलाज देने में परेशानी नहीं होगी।
प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण
जिले के प्राइवेट अस्पतालों में बच्चों को भर्ती करने व इलाज से संबंधित उपकरण उपलब्ध होने की भी सूची स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पास होनी चाहिए। थर्ड वेव की आशंका के चलते इन अस्पतालों में अस्थाई कोविड वार्ड स्थापित करने के लिए भी अभी से होमवर्क करना होगा।
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