डीआरएम ने कहा कि रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलने पर रैक की व्यवस्था करके इस रूट पर ट्रेन चलाने का प्रयास करेंगे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने एक माह के भीतर सादुलपुर-हनुमानगढ़ रूट पर एक ट्रेन चलाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए
बीकानेर रेल मंडल अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। सबके प्रयास जारी रहेंगे तो इस रूट पर आने वाले दिनों में ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी। इससे पूर्व हनुमानगढ़ जंक्शन स्टेशन स्थित रेलवे सभागार में डीआरएम ने रेल चलाओ संघर्ष समिति से वार्ता की।
इसमें डीआरएम ने जीएम सहित अन्य रेल अधिकारियों से मोबाइल पर वार्ता कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। लेकिन सादुलपुर रूट पर ट्रेन कब तक चलेगी, इस बारे में डीआरएम की ओर से ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर संघर्ष समिति के पदाधिकारी आक्रोशित हो गए। वार्ता छोड़कर सभी नारेबाजी करते हुए बाहर निकल आए। इस दौरान डीआरएम बाहर निकलने लगे तो नागरिकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन रेलवे पुलिसकर्मी उन्हें दूसरे रास्ते से विश्राम गृह ले जाने लगे।
वहां भी आंदोलनकारियों की ओर से नारेबाजी करने पर डीआरएम को तीसरे रास्ते से जाना पड़ा। विश्राम गृह में पहुंचने पर डीवाईएफआई के प्रदेश अध्यक्ष
जगजीत सिंह जग्गी, जिला सचिव मोहन लोहरा, माकपा जिला सचिव रघुवीर वर्मा, बीएस पेंटर, पूर्व पार्षद बलराज सिंह दानेवालिया, कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गुरदीप चहल, भाजपा नेता विजय कौशिक, व्यापारी नारायण अग्रवाल ने विश्राम गृह के मुख्य गेट पर धरना लगा दिया। इसके बाद डीआरएम ने दूसरे दौर की वार्ता शुरू करने का बुलावा भिजवाया। लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने।
उनका कहना था कि वार्ता का कोई मतलब नहीं, ट्रेन चलाने को लेकर कोई ठोस आश्वासन है तो डीआरएम लिखित में देकर जाएं। कुछ देर बात डीआरएम मीडिया से रुबरु हुए। इसके बाद वह ट्रेन में बैठकर रवाना हो गए। कांग्रेस नेता रणवीर सिहाग, पूर्व पार्षद रामसिंह सिद्धू, सामाजिक कार्यकर्ता नीपेन शर्मा, मुल्खकराज शर्मा, फूल सिंह, रामपाल जाटव, माकपा नेता बीएस पेंटर व समाजसेवी सुमन चावला आदि मौजूद थे। आंदोलनकारियों ने बताया कि दस सितम्बर को स्टैशन से मशाल जुलूस निकालेंगे। जबकि १३ सितम्बर को हनुमानगढ़ से किसी ट्रेन का संचालन नहीं होने देंगे।
इसे लेकर रेलवे अधिकारियों को चेता दिया। तो बिगड़ा माहौल रेलवे स्टेशन पर रेलव बचाओ संघर्ष समिति की डीआरएम से वार्ता चल रही थी। इस दौरान मंडल स्तर के एक अभियंता के जवाब से समिति सदस्य आक्रोशित हो गए। कुछ देर में समिति सदस्य वार्ता छोड़कर बाहर निकल आए। डीआरएम जब बाहर निकले तो उन्हें रोकने की कोशिश भी की। इस दौरान रेलवे पुलिस व कुछ समिति सदस्यों के बीच धक्कामुक्की का प्रयास भी हुआ।
इस दौरान डीआरएम भी कुछ देर के लिए गर्म हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यहार करने पर मैं भी सहयोग नहीं करूंगा। शहर कहां लावारिस पहले दौ की वार्ता में संघर्ष समिति के एक सदस्य ने कहा कि हनुमानगढ़ लावारिस है। इसकी सुध कोई नहीं लेता। इस पर सीनीयर डीसीएम सीआर कुमावत हंसे और समिति सदस्य की तरफ इशारा करते हुए बोले, आपके चरण कहां हैं, आपके साथ इतने लोग जब खड़े हैं तो शहर लावारिस कैसे हो सकता है।