वन्य जीवों की बचेगी जान, किसानों को हटानी होगी ब्लैड वाली कोबरा तार
हनुमानगढ़Published: Mar 02, 2019 11:30:41 am
https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
वन्य जीवों की बचेगी जान, किसानों को हटानी होगी ब्लैड वाली कोबरा तार
वन्य जीवों की बचेगी जान, किसानों को हटानी होगी ब्लैड वाली कोबरा तार
– ब्लैड तार से वन्य जीवों की जान पर खतरा
हनुमानगढ़. फसलों की सुरक्षा के लिए खेत की सीमा पर लगाई कोबरा (ब्लैड) तारें हटानी होंगी। इस संबंध में एसडीएम हनुमानगढ़ ने एक परिवाद के आधार पर किसान को पाबंद किया था। उसे सात दिन के भीतर ब्लैड तार हटाने के लिए प्रशासनिक आदेश दिया गया था। इससे व्यथित होकर किसान ने अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या दो में निगरानी प्रस्तुत की थी। इसकी सुनवाई के बाद बुधवार को कोर्ट ने निगरानी को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया।
प्रकरण के अनुसार कुलदीप सहारण पुत्र रणवीर सहारण ने 29 जनवरी 2017 को धारा 133 दंप्रसं के तहत जंक्शन थाना पुलिस के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। इसमें बताया कि चक 4 एसटीजी, मक्कासर में असीम सहारण, दीनदयाल, बलराम, राधेश्याम आदि ने अपने खेतों की बाड़ में धारदार ब्लैड वाली कोबरा तारें लगा रखी हैं। इससे कई वन्य जीव घायल हो गए तथा नील गाय भी मर गई। इसलिए यह तार हटवाने का निर्देश जारी किया जाए। पुलिस ने जांच कर एसडीएम हनुमानगढ़ के समक्ष परिवाद पेश किया, इनमें उक्त काश्तकारों को कोबरा तार हटवाने के लिए पाबंद करने का आग्रह किया गया। सुनवाई के बाद एसडीएम ने 19 जनवरी 2018 को आदेश पारित करते हुए निगरानीकर्ता असीम सहारण व अन्य काश्तकारों की ओर से लगाई गई तार तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश पारित किया गया। इस विवाद के अनुसरण में ही एसडीएम ने आठ फरवरी 2019 को तहसीलदार (राजस्व) हनुमानगढ़ को पत्र लिखा। इसमें अखिल भारतीय जीव रक्षा की ओर से 20 सितम्बर 2018 को प्रस्तुत आवेदन पर कार्यवाही करते हुए चक 3 व 4 एसटीजी मक्कासर में लगी कोबरा ब्लैड तार सात दिन में हटाने का आदेश पारित किया गया। इससे व्यथित होकर असीम सहारण ने द्वितीय निगरानी प्रस्तुत की। दोनों निगरानियों में असीम सहारण ने अखिल भारतीय जीव रक्षा की ओर से प्रस्तुत मूल आवेदन को चुनौती दी तथा इसे आपसी रंजिश का मामला बताया। सुनवाई के बाद एडीजे संख्या दो ने निगरानीकर्ता की ओर से प्रस्तुत दोनों निगरानी आधारहीन बताते हुए खारिज कर दी। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा की ओर से अधिवक्ता रामकुमार बिश्नोई ने पैरवी की। इस फैसले पर महासभा के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र लाम्बा, जिला उपाध्यक्ष शिवा बिश्नोई, तहसील अध्यक्ष कुलदीप सहारण, चुन्नीलाल माहर, संतोष पूनिया आदि ने खुशी जताई है। इसे वन्य जीवों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण फैसला बताया है।