मृतक प्रदीप के बच्चे ने बताया कि जिस वक्त पुलिस उसके पिता पर बेरहमी से डंडे बरसा रही थी उस वक्त वह वहीं मौजूद था, लेकिन बार-बार पुलिस से गुहार लगाने के बाद भी पुलिसवाले डंडे बरसाते रहे। इतना ही नहीं लड़के ने बताया कि पुलिस वाले उसके पिता को एक कमरे में ले गए और अंदर से दरवाजा बंद कर फट्टे बरसाए, करंट लगाया, पेचकस से मारा। बच्चे ने बताया कि ये सब देख जब वह रोने लगा तो पहले तो उसे भी कुछ पुलिसवालों ने मारा और धमकी दी वह चुप रहे और किसी से कहेगा नहीं। लेकिन जब वह पिता की जान की गुहार लगाते हुए रोने लगा तो उसे बाहर ले गए और गाड़ी में बैठा दिया। बच्चे ने बताया कि जिस गाड़ी में उसे बैठाया गया वहां शराब को बोतले पड़ी हुईं थी, और एक पुलिसवाला फोन पर बात कर रहा था। लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
गौरतलब हो कि पिलखुआ पुलिस की थर्ड डिग्री से हुई प्रदीप की हत्या के मामले में तीन दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज नहीं होने पर आज परिवार के लोग एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी डॉ यशवीर सिंह को तहरीर देकर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद न्याय की गुहार लगाई। वहीं पुलिस अधीक्षक ने तहरीर मिलने पर तत्काल आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि तीन दिन पहले पिलखुआ पुलिस ने लाखन गांव के प्रदीप नाम के युवक को महिला की हत्या के आरोप में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। फिर पुलिस ने प्रदीप को उसके नाबालिग बेटे के सामने इस तरह पीटा की उसकी मौत हो गयी। इसके बाद आनन-फानन में पुलिस ने प्रदीप को मेरठ अस्पताल में भर्ती करा दिया और परिजनों को सूचना दे दी। परिजनों ने जब पुलिस पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया। मामला बढ़ता देख आननफानन में हापुड़ एसपी ने पिलखुआ इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। लेकिन तहरीर ना मिलने का हवाला देते हुए मुकदमा दर्ज नहीं किया। वहीॆ इस मामले में राजनीती पार्टिया भी आगे आ गयी और आज सपा के पूर्व मंत्री मदन चौहान और अतुल प्रधान पीड़ित परिवार को लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गए और तहरीर देकर आरोपियों पर जल्द कार्रवाई की मांग की।