scriptहापुड़ में बंदरों के हमले में गई बी फार्मा के छात्र की जान, बुझ गया घर का इकलौता चिराग | B Pharma student dies due to monkey attack in hapur | Patrika News

हापुड़ में बंदरों के हमले में गई बी फार्मा के छात्र की जान, बुझ गया घर का इकलौता चिराग

locationहापुड़Published: Jun 23, 2022 11:21:01 am

Submitted by:

lokesh verma

हापुड़ के पिलखुवा में बंदरों के हमले में एक बीफार्मा छात्र की मौत का मामला सामने आया है। देर रात शादी समारोह से लौट रहे स्कूटी सवार छात्र पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया, जिससे वह सड़क पर घिसटता हुआ ईंट से जा टकराया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।

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हापुड़ में बंदरों के हमले में गई बी फार्मा के छात्र की जान, बुझ गया घर का इकलौता चिराग।

हापुड़ जिले के पिलखुवा में बंदरों के हमले में एक बीफार्मा छात्र की जान चली गई है। बताया जा रहा है कि छात्र बुधवार की देर रात करीब डेढ़ बजे एक शादी समारोह में शामिल होकर स्कूटी से घर लौट रहा था। इसी बीच बंदरों के झुंड ने छात्र पर हमला बोल दिया और वह स्कूटी से नियंत्रण खोते हुए सड़क पर गिर गया। गिरने के दौरान छात्र का सिर सड़क पर पड़ी ईंट से जा टकराया। आनन-फानन में छात्र को नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छात्र की मौत के बार परिवार में हाहाकार मचा है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है, अगर नगर पालिका ने अभियान चलाया होता तो छात्र की जान नहीं जाती।
जानकारी के अनुसार, अशोक प्रजापति परिवार के साथ पिलखुवा के जवाहर बाजार में रहते हैं। उनका 20 वर्षीय इकलौता बेटा कुनाल बीफार्मा का छात्र था। उन्होंने बताया कि कुनाल बुधवार रात नेशनल हाईवे स्थित मैरिज होम में एक शादी समारोह में गया था। जब वह देर रात वहां से लौट रहा था। जैसे ही वह गांधी रोड स्थित लाला गंगा सहाय की धर्मशाला के पास पहुंचा तो बंदरों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। बंदरों से बचने के कारण वह स्कूटी से नियंत्रण खो बैठा और सड़क पर घिसटते हुए उसका सिर ईंट से जा टकराया। जैसे ही उन्हें हादसे की सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे और कुनाल को नजदीकी हॉस्पिटल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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बुझ गया घर का इकलौता चिराग

हादसे के बाद अशोक प्रजापति के परिवार में हाहाकार मचा है। परिजनाें का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता अशोक ने नम आंखों से बताया कि उन्होंने बेटे के भविष्य को लेकर जो सपने देखे थे, वह एक हादसे में चकनाचूर हो गए हैं। उनका वंश चलाने वाला इकलौता बेटा इस तरह चला जाएगा, उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था।
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नगर पालिका के प्रति लोगों में गुस्सा

वहीं, स्थानीय लोग भी इस हादसे से आहत हैं। उनका कहना है कि बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है, लेकिन पिछले 10 साल से नगर पालिका की तरफ से बंदर पकड़ने का अभियान नहीं चलाया गया है। लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया है। आए दिन बंदरों के झुंड लोगों पर हमला बोल रहे हैं। लोगों ने अब घरों की छतों पर जाना भी बंद कर दिया है।
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