यह भी पढ़ें- 24 घंटों से मजदूर पिता के कंधों पर था चार साल के मासूम का शव, देखते ही रोने लगा हर शख्स दरअसल, यह घटना हापुड़ जिले केे थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र स्थित भदस्याना गांव की है। जहां के रहने वाले एक व्यक्ति के पुरखों की करीब 150 साल पुरानी हवेली है, जो पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुकी है। इस पुश्तैनी हवेली के मालिक लाला नरेश कुमार थे, लेकिन कुछ दिन पहले ही लाला नरेश कुमार की मौत हो गई थी। नरेेश के तीन बेटे हैं, जिनमें से दो बेटे सुशील और सचिन दिल्ली व्यापारी हैं। जबकि सबसे छोटा बेटा यश गांव में ही रहता है। लॉकडाउन के कारण सुशील व सचिन भी गांव आ गए और तीनों भाइयों ने मिलकर पुरानी हवेली को तोड़कर नया घर बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने हवेली को तोड़ने का ठेका गांव के ही रहने वाले मोबीन और नासिर को दे दिया, जिन्होंने 12 मजदूरों के साथ हवेली में खुदाई का काम शुरू कर दिया।
खुदाई के दौरान मजदूरों को कुछ पोटलियां मिलीं। उन पोटलियों में सोने-चांदी के जेवरात थे। ठेकेदार मजदूरों समेत अचानक बहाना बनाकर चला गया। 14 को फिर वह मजदूरों के साथ पहुंचकर खुदाई करने लगा। एक मजदूर ने बताया कि उन्हें जेवरात से भरी और भी पोटलियां मिलीं, जिन्हें ठेकेदार और मजदूर चुपचाप ले गए, लेकिन शाम को ही बंटवारे को लेकर मजदूरों और ठेकेदार में विवाद खड़ा हो गया। इसके बाद एक मजदूर अपने हिस्से के जेवर लेकर थाने पहुंच गया और पुलिस को पूरा घटनाक्रम बता दिया। हवेली में खजाने की सूचना मिलते ही हवेली मालिक के साथ ग्रामीण भी थाने पहुंच गए। फिलहाल पुलिस ने पांच मजदूरों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।